बालाकोट से भारत ने ली बड़ी सीख, 6 साल में बदल दिया पूरा गेम, कबाड़ साबित होंगे पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट!

India New Missile: छह साल पहले 2019 की सर्दियों में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने कश्मीर इलाके में एलओसी पार कर बालाकोट में आतंकवादियों के कैंपों पर बम बरसाए थे. भारत की ओर से किए गए इस हवाई हमले में बड़ी संख्या में आतंकवादियों के मारे जाने की बात कही गई थी. लेकिन, इस ऑपरेशन में भारत को एक चुनौती का सामना करना पड़ा था. पाकिस्तानी लड़ाकू विमान का पीछा करते हुए भारत के पायलट उसके हवाई क्षेत्र में घुस गए थे और पाकिस्तान ने उनके विमान पर हमला कर दिया था. इस कारण फाइटर जेट के कैप्टन अभिनंदन को इजेक्ट होना पड़ा था. पाकिस्तान की सेना ने उनको कैद कर लिया. हालांकि बाद में उन्हें भारत को लौटा दिया.इस घटना से भारत ने एक सबक सीखा. उसे वैसे हथियारों की कमी महसूस हुई जिससे कि बिना एलओसी या अंतरराष्ट्रीय सीमा पार किए पाकिस्तान के भीतर तक सटीक वार किए जा सके. बीते इन छह सालों में भारत ने इस कमी को बखूबी समाधान निकाल लिया है. भारत ने अब ऐसे हथियार न केवल बना लिए हैं बल्कि उन हथियारों को सुखोई-30 और राफेल जैसे फाइटर जेट्स में लगा भी दिया गया है. इससे भारत के फाइटर जेट्स बिना सीमा पार किए या पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में घुसे बिना उसके घर में गंभीर हमले कर सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक बीते छह साल में भारत में एक से बढ़कर हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें बनाई हैं. इन मिसाइलों का रेंज 500 किमी और 5 क्विंटल तक के बम ले जाने की है. ये बेहद आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं और ये 100 फीसदी तक सटीक वार करने की क्षमता रखते हैं.भारत के पास मौजूद मिसाइलेंबीते कुछ सालों में भारत ने रूद्रम-II, रॉक्स, स्काल्प और ब्रह्मोस-A जैसे बेहद खतरनाक मिसाइलें हैं. इनकी रेंज 250 से 800 किमी की है. इनकी खासियत यह है कि इनको भारतीय क्षेत्र या सीमा के पास से लॉन्च किया जा सकता है. इन मिसाइलों को भारतीय फाइटर जेट्स भारतीय क्षेत्र में रहते हुए आसानी से दाग सकते हैं. यह रणनीति फाइटर जेट्स और एयरफोर्स के जवानों-अधिकारियों को होने वाले नुकसान को भी कम करती है.

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