नई दिल्ली. बीते 6 महीनों में म्यूचुअल फंड और शेयरों में निवेशों पर निवेशकों को काफी नुकसान हुआ है. मौजूदा बाजार स्थितियों को देखते हुए कई लोग ऐसे इंस्ट्रूमेंट की तलाश में हैं जो रेगुलर इनकम के साथ-साथ कैपिटल एप्रिसिएशन भी दे और रिस्क भी कम हो. ऐसे निवेशकों के लिए रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) एक बेहतर विकल्प हो सकता है.रीट उन कंपनियों को कहा जाता है, जिनके पास इनकम देने वाली अच्छी प्रॉपर्टीज होती हैं. इन प्रॉपर्टीज में मॉल, ऑफिस स्पेस आदि शामिल होते हैं. रीट के निवेशकों हर 3 महीने पर रेंट से कमाई तो होती ही है, साथ ही जैसे-जैसे रियल एस्टेट की कीमत बढ़ती है और निवेशकों कैपिटल एप्रिसिएशन का भी फायदा मिलता है. रीट को अपनी कमाई का 90 फीसदी पैसा निवेशकों को देना होता है.सिर्फ 128 रुपये में कर सकते हैं करोड़ों की प्रॉपर्टी में निवेशशेयर बाजार में कई रीट लिस्टेड हैं. 20 मार्च, 2025 को शेयर बाजार बंद होने पर रीट के एक शेयर की सबसे कम कीमत 127.67 रुपये रही यानी आप करोड़ों की प्रॉपर्टी में महज 127.67 रुपये में निवेश कर सकते हैं और घर बैठे रेंट से कमाई कर सकते हैं.भारत में सबसे पहले 2019 में आया था REITदुनिया में रीट मॉडल काफी पहले से मौजूद है. भारत रीट मॉडल में तब शामिल हुआ जब देश में पहला रीट एम्बेसी ऑफिस पार्क्स (Embassy Office Parks REIT) मार्च 2019 में लॉन्च किया गया.सीधे रियल एस्टेट निवेश की जगह रीट्स के फायदे-रेगुलर इनकमकैपिटल एप्रिसिएशन की संभावनाडायवर्सिफिकेशन और रिस्क में कमीलिक्विडिटी और कम एंट्री लागत