नई दिल्ली: भारत लंबे समय से Quad का हिस्सा रहा है. यह ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का एक ग्रुप है. इसका मकसद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को ओपन, स्टेबल और प्रॉस्परस बनाना है. अब फिलीपींस ने भारत को ‘Squad’ में शामिल होने का न्योता दिया है. यह ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका और फिलीपींस का अनौपचारिक ग्रुप है, जो दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता को रोकने के लिए बना है. फिलीपींस की आर्म्ड फोर्सेस के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल रोमियो एस. ब्रॉर्नर ने कहा कि वे भारत और साउथ कोरिया को भी इस ग्रुप में शामिल देखना चाहते हैं. उन्होंने Raisina Dialogue के दौरान कहा कि वे इस विषय पर भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान से चर्चा करेंगे.ब्रॉर्नर ने चीन को ‘कॉमन एनिमी’ बताते हुए कहा कि चीन ने तीन आर्टिफिशियल आइलैंड्स बनाकर South China Sea पर कब्ज़ा कर लिया है. इनमें Mischief Reef पर 2.7 किमी का रनवे, एयर डिफेंस और मिसाइल सिस्टम भी शामिल हैं.ब्लूमबर्ग के अनुसार, इस ग्रुप को US पेंटागन के अधिकारियों ने ‘Squad’ का नाम दिया. यह Indo-Pacific की सिक्योरिटी को और मजबूत करने का प्रयास है. Observer Research Foundation (ORF) के मुताबिक, इसका पहला मीटिंग 3 जून 2023 को हुआ और अप्रैल 2024 में पहला संयुक्त नौसेना अभ्यास किया गया.द इकॉनमिक टाइम्स के अनुसार, इस ग्रुप के देशों ने South China Sea में पिछले एक साल से नौसेना अभ्यास किया है. चीन ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए इस पूरे क्षेत्र पर दावा ठोका है, जबकि Permanent Court of Arbitration (The Hague) ने 2016 में चीन के इस दावे को खारिज कर दिया था. फिर भी, चीन ने फिलीपींस पर सैकड़ों कूटनीतिक दबाव डाले हैं.चीन का बढ़ता दबदबाहर साल $3 ट्रिलियन के समुद्री व्यापार का रास्ता South China Sea से होकर गुजरता है. Squad का गठन चीन की बढ़ती आक्रामकता को रोकने के लिए किया गया है. द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, चीन को उसके पड़ोसी South China Sea और Taiwan Strait में अंतरराष्ट्रीय नियमों की अनदेखी का दोषी मानते हैं. चीन के पास 370 वॉरशिप और सबमरीन वाली दुनिया की सबसे बड़ी नेवी है और उसने Indian Ocean Region (IOR) में 7-8 युद्धपोत स्थायी रूप से तैनात कर रखे हैं.क्या कहते हैं एक्सपर्ट?ORF की एक रिपोर्ट के अनुसार, Squad और Quad को एक-दूसरे के प्रतिस्पर्धी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए. Squad का फोकस South China Sea पर है, जबकि Quad का उद्देश्य पूरा Indo-Pacific है. यह ग्रुप नई सुरक्षा संरचना तैयार करने की दिशा में एक कदम है. The Interpreter की रिपोर्ट में बताया गया कि Squad, AUKUS (Australia-UK-US) और JAPHUS (Japan-Philippines-US) जैसे मिनी-लेटरल समूहों का स्वाभाविक परिणाम है. यह ग्रुप नियमित गश्त, इंटेलिजेंस साझेदारी और समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देगा.स्टॉकहोम सेंटर फॉर साउथ एशियन एंड इंडो-पैसिफिक अफेयर्स के प्रमुख जगन्नाथ पांडा का कहना है कि Squad भविष्य में एक स्थायी समूह बन सकता है. उनके अनुसार, इस ग्रुप के देशों की मजबूत समुद्री शक्ति और आर्थिक हित इसे और अधिक संगठित बना सकते हैं.चीन को लगी मिर्चीचीन ने Squad पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सरकारी अखबार Global Times ने इसे ‘Frankenstein’ करार दिया, जो केवल South China Sea को अस्थिर कर सकता है. चीन का दावा है कि यह ग्रुप शांति और सहयोग के लिए नहीं, बल्कि तनाव बढ़ाने के लिए बना है. चीन के अनुसार, “Squad का असली ‘S’ सिक्योरिटी नहीं, बल्कि ‘साजिश’ और ‘संघर्ष’ के लिए है.”