क्या सुनीता विलियम्स भगवान को मानती हैं, शादी के बाद भी क्यों बनी रहीं हिंदू

सुनीता विलियम्स अंतरिक्षयात्री हैं. कई अंतरिक्ष मिशन में शिरकत कर चुकी हैं. वह अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन में 9 महीने रहने के बाद वापस लौटी हैं. 25 सालों से कहीं पहले उन्होंने ईसाई धर्म के माइकल विलियम्स से शादी की. उनका रिश्ता और जड़ें भारत से हैं. वह खुद हिंदू धर्म से ताल्लुक रखती हैं. क्या आपको मालूम है कि 59 वर्षीय सुनीता विलियम्स भगवान को मानती हैं या नहीं. शादी होने के बाद भी उन्होंने अपना धर्म नहीं बदला, वह अब भी हिंदू हैं.अगर कोई ये सवाल पूछे कि क्या सुनीता विलियम्स भगवान को मानती हैं तो इसका जवाब होगा – हां. वह भगवान को मानती हैं. अपने जीवन में आध्यात्मिकता को महत्व देती हैं. वह भारतीय मूल की हैं. हिंदू धर्म से गहरा जुड़ाव रखती हैं. उनके पिता डॉ. दीपक पंड्या के गुजरात के हिंदू परिवार से थे. हायर स्टडीज के लिए वह अमेरिका चले गए. वहीं उन्होंने स्लोवानियाई महिला से शादी की. बस गए.साथ ले गईं थीं भगवद्गीता और उपनिषदसुनीता ने अपने अंतरिक्ष मिशनों के दौरान भी अपनी आस्था को व्यक्त किया है. इसे अपने जीवन का एक अभिन्न हिस्सा माना है. सुनीता अपने अंतरिक्ष मिशनों के दौरान भगवद्गीता और उपनिषद जैसे हिंदू धार्मिक ग्रंथों को साथ ले गई थीं. 2006-2007 में अपने पहले लंबे अंतरिक्ष प्रवास के दौरान उन्होंने इन ग्रंथों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में पढ़ा. यह उनके लिए प्रेरणा और शांति का स्रोत था.हिंदू संस्कृति के प्रति सम्मानउन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था कि ये ग्रंथ उन्हें जीवन के बड़े सवालों और उनकी जड़ों से जोड़े रखते हैं. उन्होंने तमाम इंटरव्यू में अपने भारतीय मूल पर गर्व जताया. अंतरिक्ष से उन्होंने भारत के लिए संदेश भेजे. अपने पिता की गुजराती विरासत का उल्लेख किया.वे हिंदू त्योहारों और परंपराओं से भी जुड़ी रही हैं. उदाहरण के लिए, उन्होंने अंतरिक्ष में रहते हुए भारतीय समुदाय के साथ वीडियो कॉल के जरिए बात की. अपनी सांस्कृतिक पहचान को साझा किया.ईश्वर में विश्वास करती हैंसुनीता ने स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा कि वे किसी एक रूप में भगवान को पूजती हैं, लेकिन उनके बयानों से पता चलता है कि वे एक उच्च शक्ति में विश्वास करती हैं. अंतरिक्ष में पृथ्वी को देखते हुए उन्होंने इसके सौंदर्य और विशालता को “ईश्वरीय” करिश्मा बताया था, जो उनकी आध्यात्मिक सोच को दिखाता है.2012 में अपने दूसरे अंतरिक्ष मिशन के दौरान उन्होंने कहा था कि अंतरिक्ष में रहना उन्हें जीवन और ब्रह्मांड के चमत्कारों के बारे में सोचने पर मजबूर करता है, जो एक आस्तिक दृष्टिकोण को दिखाता है.परिवार का प्रभावउनके पिता दीपक पंड्या एक हिंदू थे. सुनीता की इस परवरिश का पूरा प्रभाव रहा. हालांकि उनकी माँ उर्सलीन बोनी स्लोवेनियाई मूल की थीं. शायद ईसाई प्रभाव भी रहा हो लेकिन सुनीता ने हिंदू आस्था को अधिक अपनाया. उनके पति माइकल जे. विलियम्स ने भी इस आस्था का सम्मान किया है, जो उनके रिश्ते में सांस्कृतिक सामंजस्य को जताता है.क्या वे धार्मिक हैं या सिर्फ आध्यात्मिक?सुनीता का विश्वास पारंपरिक धार्मिकता से ज्यादा आध्यात्मिकता की ओर झुका हुआ लगता है. वे मंदिरों में नियमित पूजा या कठोर धार्मिक अनुष्ठानों की बात नहीं करतीं, लेकिन वे ईश्वर और ब्रह्मांड की शक्ति में यकीन रखती हैं. यह उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक जड़ों का एक संतुलित मिश्रण है. अंतरिक्ष में भगवद्गीता ले जाना यह दिखाता है कि वे अपनी आस्था को व्यक्तिगत और प्रतीकात्मक स्तर पर जीती हैं.शादी के बाद भी धर्म नहीं बदला, हिंदू बनी रहींसुनीता विलियम्स ने शादी के बाद अपना धर्म नहीं बदला और वे अब भी हिंदू ही हैं. उनके पति माइकल जे. विलियम्स से विवाह के बाद भी सुनीता ने अपनी हिंदू आस्था और भारतीय सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखा है. शादी ने उनकी धार्मिक मान्यताओं को प्रभावित नहीं किया.माइकल जे. विलियम्स का मूल धर्म स्पष्ट रूप से सार्वजनिक नहीं है. वह शायद ईसाई पृष्ठभूमि से हैं, जैसा अमेरिका में आम है. फिर भी, उन्होंने सुनीता की हिंदू आस्था का सम्मान किया. उसे अपनाने में सहयोग दिया. सुनीता ने कभी यह संकेत नहीं दिया कि माइकल ने उनसे धर्म बदलने की अपेक्षा की. सुनीता या उनके परिवार की ओर से कभी यह संकेत नहीं मिला कि उन्होंने शादी के बाद ईसाई धर्म या कोई अन्य धर्म अपनाया.

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