20Nagpur Violence: औरंगजेब, अफवाह और आग… नागपुर हिंसा में गिरफ्तार 50 लोग 21 मार्च तक भेजे गए जेल- 10 UpdatesWritten by:Saad OmarAgency:News18HindiLast Updated:March 19, 2025, 11:01 ISTNagpur Violence Latest Updates: नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर फैली अफवाह से हिंसा भड़की, जिसमें 50 लोग गिरफ्तार हुए. कोर्ट ने इन्हें 21 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. ATS और NIA जांच में…और पढ़ेंFollow us on Google NewsAdvertisementनागपुर हिंसा में गिरफ्तार 50 लोग 21 मार्च तक भेजे गए जेल- 10 Updatesनागपुर में औरंगजेब की कब्र विवाद को लेकर भड़की हिंसा के बाद सड़क पर लोगों से ज्यादा पुलिस का पहरा है. (PTI फोटो)हाइलाइट्सनागपुर हिंसा में 50 लोग गिरफ्तार, 33 पुलिसकर्मी घायल.ATS और NIA ने नागपुर हिंसा की जांच शुरू की.RSS मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ाई गई.औरंगजेब की कब्र को लेकर एक ऐसी अफवाह जिससे पूरा नागपुर हिंसा की आग में झुलस उठा. सोमवार रात भड़की हिंसा की तपिश आज भी यहां की गली-मोहल्लों में देखी जा रही है. सड़क पर लोगों से ज्यादा पुलिस का पहरा है. सोमवार की हिंसा से सहमे लोग अब भी संभल-संभलकर ही घर से बाहर निकल रहे हैं. नागपुर के महाल समेत 10 संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस फोर्स की तैनात की गई है. महाल इलाके में मौजूद RSS मुख्यालय के चारों तरफ पुलिस का कड़ा पहरा है.नागपुर हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा. पुलिस ने इस हिंसा के मामले में करीब 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अभी बाकी आरोपियों की तलाश जारी है. CCTV फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है.नागपुर हिंसा मामले में अब तक के 10 ताजा अपडेट्स…नागपुर हिसा मामले की जांच अब ATS यानी ऐंटी टेररिस्ट स्क्वॉड भी कर रही है. महाराष्ट्र ATS ने इस मामले में अपनी अलग से जांच शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, जिस तरह से पत्थरबाजी की गई और जिस तरीके से पत्थरों को एक गाड़ी में भरकर लाया गया, वो कश्मीर में होने वाली पत्थरबाजी की रणनीति से मेल खाता है. यही वजह है कि ATS इस एंगल से भी पड़ताल कर रही है. वहीं, इस मामले में NIA के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.नागपुर पुलिस ने बताया कि करीब 50 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया गया है. अभी तक 5 केज दर्ज हुए हैं. फुटेज और इंफार्मेशन के आधार पर जांच चल रही है. कोर्ट ने इस सभी को 21 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.महाल इलाके में ही RSS का मुख्यालय है, उसकी भी सुरक्षा पुलिस ने बढ़ाई है. RSS मुख्यालय के चारों तरफ पुलिस का कड़ा पहरा है.इस बीच मध्य नागपुर के दंगा प्रभावित इलाकों में पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में दल ने मंगलवार रात ‘रूट मार्च’ किया. पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंघल ने बताया कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा कैसे शुरू हुई और ‘कुछ लोगों’ ने अचानक इसे कैसे भड़काया. उन्होंने सोमवार को हुई हिंसा का केंद्र रहे चिटनिस पार्क चौक से लेकर भालदारपुरा चौक, अग्रसेन चौक, सेवा सदन चौक और गीतांजलि टॉकीज चौक होते हुए हंसपुरी रोड तक रूट मार्च का नेतृत्व किया. हंसपुरी रोड में कल रात एक और झड़प हुई थी. तीन किलोमीटर के दायरे में फैले हुए इन सभी इलाकों में कर्फ्यू लगा हुआ है.मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि यह हिंसा एक अफवाह से शुरू हुई, जिसमें कहा गया था कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर रखी चादर जलाई गई, जिसपर धार्मिक चिह्न था. शाम को यह अफवाह फैली और देखते ही देखते हालात बिगड़ गए, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी.फडणवीस ने कहा कि हिंसा में 12 दोपहिया वाहन तोड़े गए और एक क्रेन, दो जेसीबी तथा कुछ चार-पहिया वाहनों में आग लगा दी गई. घटनास्थल पर 80 से 100 लोग जमा हो गए थे. कुछ लोगों पर तलवार से हमला हुआ. उन्होंने कहा कि हालात तब और गंभीर हो गए, जब एक पुलिसकर्मी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया. इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं. इसके अलावा, पांच आम लोगों को भी चोटें आईं.शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने नागपुर हिंसा को लेकर बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि नागपुर में जो भी हिंसा हुई है, वह बीजेपी की पुरानी रणनीति का हिस्सा है, जो मणिपुर में भी लागू की गई थी. आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने मणिपुर में भी हिंसा फैलाकर माहौल खराब किया था और आज उस राज्य में निवेश नहीं आ रहा है. अगर मैं आज की बात करूं तो मणिपुर में कोई भी निवेश करने नहीं जाना चाहता.वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भाजपा औरंगजेब की कब्र को चुनावी मुद्दा बनाकर 2026 में होने वाले चुनाव जीतना चाहती है. अंबेडकर ने यह भी कहा कि औरंगजेब का मकबरा अगली अयोध्या है.नागपुर हिंसा पर लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने कहा, ‘बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के लोग गुंडे हैं, उन पर प्रतिबंध लगना चाहिए. इन लोगों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है…मेरा मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था और प्रगति पर इसका असर पड़ रहा है. इस पर अब विचार करने की जरूरत है.’वहीं बीजेपी के सोशल मीडिया चीफ अमित मालनीय ने कहा, ‘नागपुर में हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए समाजवादी पार्टी के अबू आज़मी, कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद, और मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग ज़िम्मेदार हैं, जो राजनीतिक लाभ के लिए एक क्रूर मुगल शासक का महिमामंडन करते हैं. तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले यही लोग देश के सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं.’