Amalaki Ekadashi 2025: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है. सालभर में पड़ने वाली सभी एकादशी तिथि का अलग-अलग महत्व होता है, सभी की कथाएं भी अलग हैं. ऐसे में बता दें कि आमलकी एकादशी का भी अलग महत्व है. इस दिन श्रीहरि के साथ ही आंवले के पेड़ की पूजा भी की जाती है.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब भगवान विष्णु ने सृष्टि की रचना की उस समय ही आंवले का वृक्ष प्रकट हुआ था. आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को बहुत प्रिय माना जाता है. वहीं आमलकी एकादशी के दिन भी अगर आंवले के पेड़ की पूजा करें तो विष्णु जी की विशेष कृपा हमें प्राप्त होती है. इसके अलावा पंडित रमाकांत मिश्रा बता रहे हैं कि इस साल आमलकी एकादशी के दिन कुछ शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है. इसलिए इस दिन विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए पूजा व व्रत में कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखें, जिससे की आपकी पूजा सफल मानी जाए और आपको इसका पूर्ण फल प्राप्त हो.
कब रखा जाएगा आमलकी एकादशी व्रत
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल आमलकी एकादशी तिथि 10 मार्च, सोमवार के दिन पड़ रही है. व्रत का पारण 11 मार्च सुबह 6 बजकर 35 मिनट से 8 बजकर 13 मिनट तक किया जा सकता है. मान्यताओं के अनुसार, आमलकी एकादशी के दिन विधि पूर्वक व्रत करने के साथ-साथ कुछ जरुरी नियमों का पालन भी करना चाहिए.आमलकी एकादशी के दिन बन रहा शुभ संयोग
पंचांग के अनुसार, इस साल आमलकी एकादशी के दिन विशेष संयोगों का निर्माण हो रहा है. जिसके अनुसार, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग और पुष्य नक्षत्र तीनों का संयोग बन रहा है, जो कि इसे और भी ज्यादा शुभ बना रहा है.
आंवले का करें सेवन
आमलकी एकादशी पर आंवला और आंवले से बनी चीजों का सेवन करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है. इस दिन आंवले से बनी चीजों का सेवन विशेष रूप से शुभ माना जाता है. आंवला खाने से न केवल शरीर को लाभ मिलता है, बल्कि यह अक्षय फलों और समृद्धि की प्राप्ति भी करवाता है.
शकरकंद और कद्दू का सेवन
आमलकी एकादशी पर शकरकंद और कद्दू का सेवन करना भी बेहद शुभ माना जाता है. ये दोनों ही चीजें सौभाग्य को बढ़ाने वाली मानी जाती हैं. बता दें कि इस दिन इन दोनों चीजों का सेवन करने से घर में खुशहाली आती हैतुलसी के पत्तों का उपयोग
विष्णु जी की पूजा में तुलसी के पत्ते का विशेष महत्व माना जाता है. वहीं एकादशी के व्रत या पूजा में भी तुलसी पत्ते का बहुत महत्व है. लेकिन आपको बता दें कि आमलकी एकादशी के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना वर्जित माना गया है. इसलिए इस दिन तुलसी पत्तों का तोड़ने की गलती ना करें वरना आपको इसका पाप लग सकता है और विष्णु जी आपसे नाराज हो सकते हैं.
मांस, मदिरा और प्याज से दूर रहें
इस दिन मांस और मदिरा का सेवन पूरी तरह से वर्जित है. इसके साथ ही, प्याज, लहसुन और मसूर की दाल का सेवन भी इस दिन से बचना चाहिए. इन चीजों का सेवन अशुभ माना जाता है और इससे पूजा का प्रभाव कम हो सकता है..