सतना: गर्मी शुरू होते ही लू लगने का खतरा बढ़ जाता है. मार्च से जून के बीच तापमान बढ़ने के कारण शरीर पर असर पड़ सकता है, जिससे लू लगने की समस्या हो सकती है. होम्योपैथी फिजिशियन डॉ. शशि द्विवेदी ने लोकल 18 को बताया कि शरीर को मौसम के हिसाब से ढलने में समय लगता है, लेकिन अचानक बदलाव होने पर कई बार शरीर इसे संभाल नहीं पाता और बीमार पड़ जाते हैं.गर्मी के मौसम में अगर आपको बाहर जाना हो तो कुछ जरूरी सावधानियां अपनानी चाहिए. जब भी धूप में निकलें तो शरीर को पूरी तरह से ढककर रखें. चेहरे को स्कार्फ या सनग्लासेस से ढकें और हो सके तो छाता लेकर चलें. शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए बाहर जाने से पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. नींबू पानी, शिकंजी, नारियल पानी और बेल का शरबत जैसी चीजें रोजाना पिएं.इसके अलावा गर्मियों में तरबूज, खरबूजा, खीरा, गन्ने का रस, अंगूर और आम पना जैसे जलयुक्त फल और पेय पदार्थ शरीर को ठंडा रखते हैं. गर्मी में दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें. इस समय लू लगने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. अगर जरूरी हो तो हल्के और ढीले कपड़े पहनें और सिर को अच्छी तरह ढककर रखें.लू लगने के ये हैं लक्षणअगर कोई व्यक्ति अधिक गर्मी के संपर्क में आ जाता है तो उसका शरीर का तापमान बढ़ सकता है. इससे उल्टी, पेट में मरोड़, चक्कर आना, सिरदर्द, बेहोशी और शरीर में जकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कई मामलों में सही समय पर इलाज न मिलने पर यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है.लू लगने पर मरीज को तुरंत छायादार और हवादार स्थान पर लाएं. अगर कपड़ें टाइट हों तो उन्हें ढीला कर दें और कोई ठंडा पेय पदार्थ दें. लेकिन अगर व्यक्ति बेहोश है, तो उसे कोई तरल पदार्थ न दें. इससे स्वास नली में पानी जाने का खतरा रहता है और दम घुट सकता है. ऐसे में मरीज के चेहरे पर ठंडे पानी के छींटे मारें और उसके हाथ- पैर गीले करें. अगर मरीज को उल्टी जैसा महसूस हो तो उसे करवट के बल लिटाएं और गंभीर स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.हीटवेव में सावधानी ही बचावडॉक्टरों के मुताबिक लू से बचाव के लिए समय पर पानी पीना, हल्के कपड़े पहनना और तेज धूप में अधिक समय तक न रहना सबसे जरूरी है. अगर किसी को लू के लक्षण दिखें तो तुरंत प्राथमिक उपचार करें और जरूरत पड़ने पर नजदीकी अस्पताल जाएं. गर्मियों में थोड़ी सी सावधानी आपको हीटस्ट्रोक से बचा सकती है.