नौकरी के लिए खुशी-खुशी पहुंचा इटली, सामने आई शर्मिंदगी भरी ऐसी करतूत, जीवन भर नहीं मिला सकेगा आंखें, अरेस्‍ट

Airport News: खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में मशहूर मिलान में नौकरी मिलने की खबर इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से डिजो डेविस फूला नहीं समा रहा था. जल्‍द ही मिलान जाने संबंधी सभी तैयारियों को खत्‍म किया और इटली जाने के लिए खुशी खुशी दिल्‍ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच गया. दिल्‍ली से मिलान माल्‍पेंसा एयरपोर्ट पहुंचने तक सबकुछ ठीक रहा. लेकिन, माल्‍पेंसा एयरपोर्ट पर कदम रखते ही उसकी किस्‍मत ने उसका साथ छोड़ दिया.दरअसल, माल्‍पेंसा एयरपोर्ट पर कदम रखने के कुछ मिनटों बाद ही डिजो डेविस की एक ऐसी करतूस सबके सामने आ गई, जिसने उसके लिए मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया. इसी करतूत के चलते वह पहले उसे इटली की सुरक्षा एजेंसियों के सामने शर्मिंदा होना पड़ा और फिर उसे एयरपोर्ट से ही उल्‍टे पांव दिल्‍ली के लिए चलता कर दिया गया. वहीं, दिल्‍ली आते ही उसे उसकी करतूत के चलते अरेस्‍ट कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया है. इस मामले में एक नई गिरफ्तारी भी हुई है.क्‍या है पूरा मामला25 वर्षीय डिजो डेविस मूल रूप से त्रिपुरा के त्रिसूर का रहने वाला है. डिजो डेविस को इटली से बतौर डिपोर्टी भेजा गया था. ब्‍यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने अपनी जांच में पाया कि इटली के माल्‍पेंसा एयरपोर्ट में जांच के दौरान पैसेंजर द्वारा पेश किया गया रेजिडेंट परमिट फर्जी पाया गया. यही फर्जी रेजिडेंट परमिट नकेवल डिजो डेविस के लिए माल्‍पेंसा एयरपोर्ट पर शर्मिंदगी की वजह बन गया, बल्कि इसी के चलते चलते, उसे माल्‍पेंसा एयरपोर्ट से डिपोर्ट कर आईजीआई एयरपोर्ट भेज दिया गया.पूछताछ में हुआ यह बड़ा खुलासाआईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, ब्‍यूरो ऑफ इमिग्रेशन की शिकायत पर एयरपोर्ट पुलिस ने डिजो डेविस को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि विदेशी में नौकरी की तलाश के बीच उसकी मुलाकात उसके दोस्‍त ने रूपेश पीआर से करवाई थी. रूपेश पीआर ने डिजो डेविड को इटली का वीजा दिलाने के साथ वहां नौकरी दिलाने का वादा किया था. इसके एवज में रूपेश ने उससे 8.20 लाख रुपए की मांग की थी.कहां से मिला फर्जी रजिडेंट परमिटपूछताछ में आरोपी डिजो डेविस ने बताया कि बैंक एकाउंट में 8.20 लाख रुपए मिलने के बाद रूपेश ने ही उसे इटली के वीजा के साथ वहां का रेजिडेंट परमिट उपलब्‍ध कराया था. डिजो के खुलासे के आधार पर एसएचओ सुशील गोयल के नेतृत्‍व में एक टीम का गठन कर रूपेश पीआर की तलाश शुरू की गई. लोकल इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला कि आरोपी रूपेश केरल के थोट्टाक्कटुकल में छिपा हुआ है. जिसके बाद, पुलिस की टीम केरल के लिए रवाना कर उसे अरेस्‍ट कर लिया.डिजो कैसे मिलाएगा खुद से निगाहसूत्रों के अनुसार, डिजो की जिद थी कि उसे विदेश जाकर नौकरी करनी है. कई बार कोशिश करने के बावजूद जब उसे इटली का वीजा नहीं मिला, तो उसने गैरकानूनी तरीके से इटली जाने का फैसला कर लिया. हालांकि, उसने अपनी इस योजना का खुलासा घर वालों से नहीं किया था. अपने बेटे की इच्‍छा पूरा करने के लिए डिजो को उसके परिजनों ने कर्ज लेकर आठ लाख रुपए दिए थे. अब आठ लाख रुपए भी गए, विदेश में जाने का सपना भी टूटा और पासपोर्ट पर डिपोर्टी का ठप्‍पा भी लग गया. अब बड़ा सवाल है कि क्‍या भारतीय एजेंसियों और अपने परिजनों को धोखा देने वाला डिजो कभी खुद से निगाह मिला सकेगा.

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