डिनर पर चलो… ‘वो’ के चक्कर में पड़ा AAP वर्कर, पत्नी को चल गया पता, फिर भिड़ाया फिल्मी आइडिया, लेकिन…

पंजाब के लुधियाना में कारोबारी और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अनोख मित्तल रविवार को अपनी पत्नी मानवी मित्तल उर्फ लिप्सी के साथ डिनर करने के लिए घर से निकले थे. जब वे डिनर करके घर वापस आ रहे थे, तो रास्ते में कुछ अज्ञात लोगों ने हमला करके उनकी पत्नी को जख्मी कर दिया. उन्हें तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.इस हत्याकांड में पुलिस ने आप नेता अनोख मित्तल समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक महिला भी शामिल है, जो अनोख की गर्लफ्रेंड बताई जा रही है. पुलिस के अनुसार, लिप्सी की हत्या का कारण यह था कि उन्होंने अपने पति अनोख मित्तल के अवैध संबंध के बारे में पता लगा लिया था, जिससे दोनों के बीच लगातार झगड़ा हो रहा था. पुलिस ने बताया कि अनोख और उसकी प्रेमिका प्रतीक्षा ने मानवी की हत्या की साजिश रची थी.जांच के दौरान पता चला कि अनोख मित्तल और प्रतीक्षा ने अमृतपाल सिंह, गुरदीप सिंह, सोनू सिंह, सागरदीप सिंह, और गुरप्रीत सिंह गोपी नामक पांच लोगों को 2.5 लाख रुपये की सुपारी देकर हत्या को अंजाम दिलवाया. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन गुरप्रीत सिंह अभी भी फरार है और उसकी तलाश जारी है.पहले गढ़ी झूठी कहानीअनोख मित्तल ने शुरुआत में पुलिस को गुमराह करने की खूब कोशिश की. उन्होंने बताया था कि वह और उसकी पत्नी लुधियाना-मलेरकोटला रोड पर डिनर के बाद घर लौट रहे थे. रास्ते में देहलोन बाईपास के पास शौच के लिए गाड़ी रोकी, तभी पांच हमलावरों ने रॉड से उन पर हमला किया, नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश किया और पत्नी पर हमला करके गहने, नकदी, मोबाइल फोन और कार लूटकर भाग गए.पुलिस को उसकी कहानी पर शक हुआ, जिसके बाद जांच गहराई से की गई. लुधियाना के पुलिस आयुक्त, कुलदीप सिंह चहल ने पुष्टि की कि अनोख मित्तल और प्रतीक्षा ने अवैध संबंध का राज खुलने के बाद मानवी (लिप्सी) की हत्या की साजिश रची थी. उन्होंने बताया कि अनोख ने पहले भी दो बार अपनी पत्नी को मारने की कोशिश की थी, लेकिन हर बार नाकाम रहा. फिर प्रेमिका प्रतीक्षा के साथ मिलकर सुपारी किलरों को ढाई लाख रुपये देकर हत्या को अंजाम दिलवाया गया.पुलिस ने चारों सुपारी किलरों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि गुरप्रीत सिंह गोपी की तलाश जारी है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि हत्या की साजिश में कोई और शामिल तो नहीं था और अनोख ने पहले कब-कब और कैसे पत्नी को मारने की कोशिश की थी.चंडीगढ़. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया. धामी का इस्तीफा अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के दमदमा साहिब के जत्थेदार के रूप में ज्ञानी हरप्रीत सिंह को एसजीपीसी द्वारा बर्खास्त किए जाने की कड़ी निंदा किए जाने के कुछ दिनों बाद आया है. धामी ने कहा कि वह हमेशा अकाल तख्त के प्रति प्रतिबद्ध हैं, जो सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ है. ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं को खत्म किए जाने पर जत्थेदार रघबीर सिंह द्वारा 13 फरवरी को फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक पोस्ट का हवाला देते हुए धामी ने कहा कि उन्होंने लिखा था कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाना ‘अत्यधिक निंदनीय’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि ‘मैं प्रधान (एसजीपीसी का अध्यक्ष) होने के नाते जिम्मेदारी लेता हूं और नैतिक आधार पर तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा देता हूं.’ धामी ने यह भी कहा कि उन्होंने अकाल तख्त जत्थेदार को पत्र लिखकर शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नए सदस्यता अभियान की निगरानी के लिए गठित सात सदस्यीय समिति में अपने पद से मुक्त करने के लिए कहा है. 13 फरवरी को ज्ञानी रघबीर सिंह ने फेसबुक पोस्ट में बठिंडा में तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार के रूप में हरप्रीत सिंह की सेवाओं को बर्खास्त करने की निंदा की.ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने से विवादपोस्ट में उन्होंने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाया जाना ‘अत्यधिक निंदनीय’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है, जो ‘तख्त साहिबों’ के स्वतंत्र अस्तित्व को नुकसान पहुंचाएगा. 10 दिसंबर को एसजीपीसी ने बठिंडा में तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार के रूप में ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं को बर्खास्त कर दिया था. यह फैसला एसजीपीसी की कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान लिया गया था. समिति ने 18 साल पुराने घरेलू विवाद के मामले में ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया.

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