हैलो! आपके खिलाफ सबूत मिले हैं, अगर बचना है तो…” एक फोन ने महिला के उड़ा दिए होश, जानें फिर क्या हुआ

पाली:- हाई तकनीक का जैसे-जैसे उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे लगातार साइबर अपराध बढ़ते जा रहे हैं. इसमें बात अगर करें, तो वर्तमान में डिजिटल अरेस्ट के मामले काफी सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब पाली के अंदर एक विदेशी महिला को गिरफ्तारी का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट करने का मामला सामने आया है. ठगों ने महिला से 11 लाख 80 हजार रुपए की ठगी की. हालांकि आरोपियों का फोन बंद आने पर महिला ने पुलिस थाने में फोन किया, तो मामले का खुलासा हुआ.साइबर थाने में दी गई रिपोर्ट में महिला ने लोकल 18 को बताया कि डिजिटल अरेस्ट होने के बाद वह डर गई. उन्होंने केस से नाम वापस निकालने के बदले लाखों रुपए की डिमांड की. इस पर वह राजी हो गई. फिर 7 जनवरी को ठगों के बताए अकाउंट में पाली जाडन आश्रम आई, तब पाली शहर आई और बैंक से 11.80 लाख का चैक उनके बताए अकाउंट में ट्रांसफर किया.इस तरह बनाया डिजिटल अरेस्ट का शिकारसाइबर थाने के सीओ मनीष चौधरी की मानें, तो डबोरका मैरिन उर्फ मंगलपुरी सुत दुगोमिर मैरिन हाल निवासी विश्व गुरुद्वीप आश्रम, श्याम नगर जयपुर मूल निवासी लैया मुलेरा जागरेम्ब क्रोएशिया ने रिपोर्ट देते हुए बताया कि वह जयपुर आश्रम में थी. 4 जनवरी को उसके मोबाइल पर शाम करीब साढ़े चार बजे कॉल आया. फोन पर उससे कहा गया कि उसका मोबाइल नंबर आपराधिक गतिविधियों में शामिल है. इसलिए उसे दो घंटे बाद बंद कर दिया जाएगा. इसे अगर रोकना है, तो महाराष्ट्र के अंधेरी ईस्ट थाने में बात करनी होगीफिर उसका फोन अंधेरी ईस्ट थाने में कनेक्ट करने की बात कहते हुए प्रदीप नाम के व्यक्ति से बात करवाई. इसने स्वयं को पुलिस अधिकारी बताया, उसने कहा कि आपका मोबाइल नंबर आपराधिक गतिविधियों में शामिल है. नरेश नाम के व्यक्ति ने उनके नाम से बैंक अकाउंट खोलकर मनी लॉन्ड्रिंग का काम किया है. यह बताकर उन्होंने उसे डिजिटल अरेस्ट किया और कैमरे के सामने ही रखा. इस तरह अपराधियों द्वारा पूरा मामला अंजाम दिया गया.विदेशी महिला को ऐसे लगी ठगी की भनकठगों द्वारा उस महिला को बताया गया कि 20 जनवरी को उसका मामला कोर्ट में आएगा और 22 जनवरी को उसे फ्री कर दिया जाएगा. लेकिन उसके बाद उसके पास किसी तरह का कॉल नहीं आया. इस पर उन्होंने मोबाइल नंबर पर कॉल किया, तो वह स्विच ऑफ आया. लगातार फोन नंबर स्विच ऑफ आने पर उसने अंधेरी ईस्ट थाने के लैंडलाइन नंबर पर कॉल किया. पता चला कि प्रदीप नाम का वहां कोई पुलिस अधिकारी नहीं है. इस पर ठगी होने का शक हुआ, तो मामला दर्ज करवाया. मामले में साइबर थाना सीओ मनीष चौधरी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.

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