1220000000 करोड़ का गबन, बैंक के GM ने 3 घंटे की पूछताछ में खोले कई राज, CEO की शिकायत पर पुलिस ने दबोचा

मुंबई. मुंबई पुलिस ने शनिवार को न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक (जनरल मैनेजर) और लेखा प्रमुख हितेश मेहता को बैंक से 122 करोड़ रुपए के कथित गबन के आरोप में गिरफ्तार किया. एक अधिकारी ने बताया कि मेहता को शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया.

बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देवर्षि घोष ने शुक्रवार को मध्य मुंबई के दादर पुलिस स्टेशन में जाकर धन के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के अनुसार मेहता ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश रची और बैंक के प्रभादेवी तथा गोरेगांव कार्यालयों की तिजोरियों में रखे धन से 122 करोड़ रुपए का गबन किया.

अधिकारी ने बताया कि मेहता को इस मामले के संबंध में जांच एजेंसी के दक्षिण मुंबई कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें रविवार को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को सहकारी बैंक पर कई प्रतिबंध लगाए थे, जिसमें जमाकर्ताओं द्वारा धन की निकासी पर प्रतिबंध भी शामिल है.20

1220000000 करोड़ का गबन, बैंक के GM ने 3 घंटे की पूछताछ में खोले कई राज, CEO की शिकायत पर पुलिस ने दबोचा

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Last Updated:February 15, 2025, 22:18 IST

New India Co Operative Bank: देवर्षि शिशिर कुमार घोष की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप है कि जनरल मैनेजर हितेश मेहता और उनके कुछ सहयोगियों ने षड्यंत्र रचकर न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ …और पढ़ें

  • न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ का गबन.
  • GM हितेश मेहता गिरफ्तार, 3 घंटे की पूछताछ.
  • RBI ने बैंक पर कई प्रतिबंध लगाए.

मुंबई. मुंबई पुलिस ने शनिवार को न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक (जनरल मैनेजर) और लेखा प्रमुख हितेश मेहता को बैंक से 122 करोड़ रुपए के कथित गबन के आरोप में गिरफ्तार किया. एक अधिकारी ने बताया कि मेहता को शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया.

बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देवर्षि घोष ने शुक्रवार को मध्य मुंबई के दादर पुलिस स्टेशन में जाकर धन के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के अनुसार मेहता ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश रची और बैंक के प्रभादेवी तथा गोरेगांव कार्यालयों की तिजोरियों में रखे धन से 122 करोड़ रुपए का गबन किया.

अधिकारी ने बताया कि मेहता को इस मामले के संबंध में जांच एजेंसी के दक्षिण मुंबई कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें रविवार को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को सहकारी बैंक पर कई प्रतिबंध लगाए थे, जिसमें जमाकर्ताओं द्वारा धन की निकासी पर प्रतिबंध भी शामिल है.

आरबीआई ने बैंक में हाल ही में हुए घटनाक्रमों से पैदा हुई निगरानी संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए यह कदम उठाया. आरबीआई ने शुक्रवार को एक साल के लिए बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था और कामकाज के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया. प्रशासक की मदद के लिए सलाहकारों की एक समिति भी नियुक्त की गई.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर मेहता और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 316 (5) (लोक सेवकों, बैंकरों और भरोसेमंद पदों पर बैठे अन्य लोगों द्वारा आपराधिक विश्वासघात), धारा 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

उन्होंने बताया कि जांच के दायरे को देखते हुए मामले को ईओडब्ल्यू को सौंप दिया गया है. एजेंसी ने जांच शुरू कर दी है. इस सहकारी बैंक की 28 ब्रांचों में ज्यादातर मुंबई महानगर में हैं. गुजरात के सूरत में इसके दो ब्रांच और पुणे में एक ब्रांच है.

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