Success Story: यह कहानी भी एक ऐसे ही युवा की है, जब उसने 10वीं की बोर्ड परीक्षा दी, तो उसके परिजनों ने 90% मार्क्स की उम्मीद लगा रखी थी, लेकिन बोर्ड परीक्षा में उन्हें सिर्फ 78% नंबर ही मिले. मां बाप नंबरों को लेकर ज्यादा पूछताछ न करें, इसके लिए इस युवा ने अलग राह चुन ली. जानिए पूरी कहानी…Rohit Ugale Success Story: यह कहानी है महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव सिन्नर से निकले रोहित उगले की. रोहित की शुरूआती पढ़ाई लिखाई एक इंग्लिश मीडियम स्कूल से हुई.उन्होंने अपनी 10वीं की बोर्ड परीक्षा सिन्नर के नवजीवन डे स्कूल से दी. यहां जब उन्होंने 10वीं की परीक्षा दी, तो उनके माता पिता की अपेक्षा थी कि रोहित कम से कम 90% मार्क्स तो लाएंगे ही, लेकिन जब 10वीं के नीतजे आए तो रोहित को सिर्फ 78% अंक ही मिले. जो परिवार वालों की उम्मीद से कम था. 10वीं में रोहित के कम नंबर आने से घर का मौहाल काफी तनाव भरा हो गया. रोहित को इस बात की चिंता रहती थी कि पिताजी या मां उनसे रिजल्ट के बारे में बात न करें, इसलिए वह कुछ समय तक घर में बिल्कुल शांत रहते थे.रोहित ने निकाली तरकीबअब रोहित पर यह दबाव था कि वह नंबरों के चक्कर में उलझे या कुछ और करें. उन्हें यह साबित करने की ललक भी थी कि जिंदगी में सबकुछ अच्छे मार्क्स पर ही निर्भर नहीं होता, लिहाजा उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स यूट्यूब और इंटरनेट के जरिये डिजिटल मार्केटिंग सीखना शुरू किया. उन्होंने कोडिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की बारीकियां सीखीं और वेबसाइट बनाने का काम शुरू कर दिया. रोहित ने PHP और Java जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी सीखी.16 साल की उम्र में बनाई कंपनीरोहित ने वर्ष 2017 में महज 16 साल की उम्र में एक कंपनी बनाई, जो अलग अलग सेक्टर में काम करने लगी. देखते ही देखते अब तक उनकी कंपनी में 100 से अधिक लोग जुड चुके हैं. हाल ही उन्हें अभिनेता सोनू सूद ने पुरस्कार भी दिया था. आज उनकी कंपनी सतमत टेक्नोलॉजी (SATMAT Technologies)आईटी और सॉफ्टवेयर, स्वास्थ्य सेवा से लेकर अलग अलग सेक्टर में काम कर रही है.आज जहां उनकी सफलता पर माता पिता गौरवान्वित महसूस करते हैं, वहीं रोहित उन तमाम युवाओं के लिए एक मिसाल हैं जिनके किसी कारणवश बोर्ड परीक्षाओं में नंबर कम रह जाते हैं.