रेप किसी महिला के साथ इस दुनिया के सबसे जघन्य अपराधों में से एक है. रेप पीड़ित एक महिला जिंदा लाश बनकर रह जाती है. समाज और देश में रेप के खिलाफ तमाम कानूनी उपाए किए गए हैं, बावजूद इसके दुनिया में आज भी इससे जुड़े एक से बढ़कर एक जघन्य अपराध सामने आते हैं. मगर आज की कहानी एक ऐसे बहादुर लड़की कहानी है जिसने खुद के साथ रेप के दौरान अपराधी को सजा देने के लिए उसकी जीभ ही काट ली. इस कारण आरोपी को जीवन भर के लिए सबक मिल गई. उसकी आवाज बंद हो गई.दरअसल, यह घटना अपने मुल्क नहीं बल्कि दक्षिण कोरिया की है. यह घटना 60 साल पहले घटी थी. दक्षिण कोरिया आज दुनिया में एक सबसे विकसित मुल्क है. लेकिन, यहां का समाज परंपरागत रूप से पुरुष प्रधान रहा है. यहां के समाज में एक कहावत कही जाती है- ‘महिलाओं और सूखी समुद्री मछली को हर तीसरे दिन पीटने की जरूरत होती है तभी उसमें बेहतर स्वाद आता है.’ इस कहावत में ही यहां के समाज में महिलाओं की स्थिति का पता चल जाता है. लेकिन, बीते 60 सालों में दक्षिण कोरिया काफी बदल गया है.1960 के दशक की घटनासीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना 1960 के दशक की है. उस वक्त चोई माल्जा नाम की एक 18 साल की लड़की थी. 60 के दशक में दक्षिण कोरिया में महिलाओं के खिलाफ हिंसा आम बात थी. उसी दौरान चोई के साथ एक लड़के ने रेप किया. रेप के दौरान चोई इस हद तक परेशान हुई कि उसने लड़के की जीव ही काट ली. उस वक्त दक्षिण कोरिया का कानून भी महिलाओं के अनुकूल नहीं था. कोर्ट ने चोई को ही दोषी ठहराया और उसे सजा सुना दी.
20रेप के दौरान 18 साल की लड़की ने दिखाई गजब की हिम्मत, लड़के की काट ली 1.6 CM जीभ, फिर कोर्ट ने सुनाया अजीब फैसलाWritten by:संतोष कुमारLast Updated:April 12, 2025, 08:58 ISTकिसी महिला के साथ रेप इस दुनिया में सबसे जघन्य अपराधों में से एक है. एक रेप पीड़िता ताउम्र जिंदा लाश बनकर रह जाती है. उसके जीवन की हर खुशी खत्म हो जाती है. लेकिन, एक 18 साल की लड़की की कहानी दुनिया को …और पढ़ेंFollow us on Google NewsAdvertisementरेप के दौरान लड़की ने दिखाई गजब की हिम्मत, लड़के की काट ली 1.6 CM जीवपीड़िता 60 साल से इसको लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रही है.रेप किसी महिला के साथ इस दुनिया के सबसे जघन्य अपराधों में से एक है. रेप पीड़ित एक महिला जिंदा लाश बनकर रह जाती है. समाज और देश में रेप के खिलाफ तमाम कानूनी उपाए किए गए हैं, बावजूद इसके दुनिया में आज भी इससे जुड़े एक से बढ़कर एक जघन्य अपराध सामने आते हैं. मगर आज की कहानी एक ऐसे बहादुर लड़की कहानी है जिसने खुद के साथ रेप के दौरान अपराधी को सजा देने के लिए उसकी जीभ ही काट ली. इस कारण आरोपी को जीवन भर के लिए सबक मिल गई. उसकी आवाज बंद हो गई.दरअसल, यह घटना अपने मुल्क नहीं बल्कि दक्षिण कोरिया की है. यह घटना 60 साल पहले घटी थी. दक्षिण कोरिया आज दुनिया में एक सबसे विकसित मुल्क है. लेकिन, यहां का समाज परंपरागत रूप से पुरुष प्रधान रहा है. यहां के समाज में एक कहावत कही जाती है- ‘महिलाओं और सूखी समुद्री मछली को हर तीसरे दिन पीटने की जरूरत होती है तभी उसमें बेहतर स्वाद आता है.’ इस कहावत में ही यहां के समाज में महिलाओं की स्थिति का पता चल जाता है. लेकिन, बीते 60 सालों में दक्षिण कोरिया काफी बदल गया है.1960 के दशक की घटनासीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना 1960 के दशक की है. उस वक्त चोई माल्जा नाम की एक 18 साल की लड़की थी. 60 के दशक में दक्षिण कोरिया में महिलाओं के खिलाफ हिंसा आम बात थी. उसी दौरान चोई के साथ एक लड़के ने रेप किया. रेप के दौरान चोई इस हद तक परेशान हुई कि उसने लड़के की जीव ही काट ली. उस वक्त दक्षिण कोरिया का कानून भी महिलाओं के अनुकूल नहीं था. कोर्ट ने चोई को ही दोषी ठहराया और उसे सजा सुना दी.संबंधित खबरेंपत्नी थी ताक में, पति था खाट पर, सर में पॉलिथीन डालकर घोंट दिया गलापत्नी थी ताक में, पति था खाट पर, सर में पॉलिथीन डालकर घोंट दिया गलामहिला ने छेड़छाड़ का किया विरोध, 3 लोगों को जिंदा जलाने की कोशिशमहिला ने छेड़छाड़ का किया विरोध, 3 लोगों को जिंदा जलाने की कोशिशभरतपुर में जानलेवा हमले में BJP नेता ऋषभ बंसल की मौत, जाने क्या हुआ था?भरतपुर में जानलेवा हमले में BJP नेता ऋषभ बंसल की मौत, जाने क्या हुआ था?पेट दर्द की दवा लेते ही हुआ महिला का गर्भपात, बाद में सामने आई डॉक्टर की हकीकतपेट दर्द की दवा लेते ही हुआ महिला का गर्भपात, बाद में सामने आई डॉक्टर की हकीकतअब यह लड़की एक बुजुर्ग महिला बन गई है. वह 78 साल की है. वह आज भी इस केस का मुकदमा लड़ रही है. महिला आज भी इस केस से अपनी सजा खत्म कराने की लड़ाई लड़ रही है. लेकिन, उनके केस को बुसान की कई अदालतों ने खारिज कर दिया. फिर चोई ने दक्षिण कोरिया के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वहां से उनको राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने उनके मामले को बुसान की अदालतों को भेजा है. वहां इस केस से जुड़े सबूत फिर से इकट्ठा किए जाएंगे.कोरिया के लिए अहम फैसलाजानकारों का कहना है कि यह कानूनी लड़ाई दक्षिण कोरिया में महिला अधिकारों की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. चोई ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि अदालतों को यह समझना होगा कि उनके एक गलत फैसले ने एक व्यक्ति की जिंदगी तबाह कर दी. उन्होंने फैसले को बदलकर इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.रिपोर्ट के मुताबिक 1964 में एक दिन शाम में चोई से एक लड़के ने हिमहाए जाने का रास्ता पूछा. फिर उसे रास्ता बताने के लिए चोई रुक गई. वह लड़के को रास्ता दिखाने के लिए कुछ मीटर उसके साथ चली और फिर लौटने लगी. तभी लड़के उसे पीछे दबोच लिया. चोई गिर गई और कुछ सेकेंड के लिए उसके सामने अंधेरा छा गया. लड़का उसके साथ रेप करने की कोशिश करने लगा. वह अपनी जीव चोई के मुंह में डालने की कोशिश कर रहा था. इस दौरान चोई को उससे बचने के लिए कुछ भी नहीं सूझ रहा था. फिर वह अपनी दांतों से उसकी 1.6 सेंटीमीटर जीव काट ली.इसके बाद लड़का अदालत चला गया और उसने चोई पर ही उसको बुरी तरह हमला करने का आरोप लगाया. अदालत ने भी चोई के साथ रेप की कोशिश के मसले पर ध्यान नहीं दिया और चोई को ही 10 महीने की सजा सुना दी