20श्रीलंका में चीन को काउंटर करने के लिए PM मोदी का मास्टर स्ट्रोक, दोस्त यूएई ने मिलाया हाथ तो सकते में आया ड्रैगनWritten by:संतोष कुमारAgency:News18HindiLast Updated:April 06, 2025, 06:55 ISTPM Modi Srilanka Visit: प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका यात्रा में त्रिंकोमाली को ऊर्जा हब बनाने के लिए भारत, श्रीलंका और यूएई के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ है. इसे पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा…और पढ़ेंFollow us on Google NewsAdvertisementश्रीलंका में PM मोदी ने खास दोस्त के जरिए खेला खेल, सकते में आ गया ड्रैगनपीएम मोदी दो दिवसीय श्रीलंका दौरे पर हैं.हाइलाइट्सप्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका में त्रिपक्षीय समझौता किया.त्रिंकोमाली को ऊर्जा हब बनाने के लिए भारत, श्रीलंका और यूएई का समझौता.भारत की रणनीति से चीन के प्रभाव को रोकने की कोशिश.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय श्रीलंका दौरे पर हैं. यह उनकी चौथी श्रीलंका यात्रा है. इस दौरान एक बड़ा कदम उठाया गया है, जिसे चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. इस यात्रा में भारत, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ है, जिसके तहत श्रीलंका के त्रिंकोमाली जिले को ऊर्जा हब के रूप में विकसित किया जाएगा. यह जिला श्रीलंका के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है. एक तमिल बहुल इलाका है. इस प्रोजेक्ट में एक मल्टी-प्रोडक्ट पाइपलाइन भी शामिल होगी, जिससे श्रीलंका के सभी लोगों को फायदा पहुंचेगा. इससे पहले पीएम मोदी ने 2019 में श्रीलंका का दौरा किया था.त्रिंकोमाली का महत्व भारत के लिए बहुत ज्यादा है. यहां का नेचुरल बंदरगाह और ऊर्जा सुविधाएं इसे रणनीतिक रूप से अहम बनाती है. भारत का मानना है कि यहां उसकी मजबूत मौजूदगी से वह उत्तर-पूर्वी हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ा सकता है. यह कदम इसलिए भी जरूरी हो गया था क्योंकि हाल ही में श्रीलंका ने चीन की तेल कंपनी सिनोपेक से 3.7 अरब डॉलर का निवेश हासिल किया है. यह निवेश श्रीलंका के दक्षिणी हिस्से में हंबनटोटा में तेल रिफाइनरी के लिए है और यह देश में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश है. चीन पहले भी श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों, खासकर जाफना प्रायद्वीप के पास के द्वीपों में ऊर्जा परियोजनाओं की संभावनाएं तलाश चुका है. ऐसे में भारत के लिए यह जरूरी हो गया था कि वह चीन को इन इलाकों में पैर जमाने से रोके.टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस समझौते के तहत भारत पहले से ही त्रिंकोमाली के कुछ तेल टैंक फार्म्स को विकसित करने के लिए श्रीलंका के साथ काम कर रहा है. अब नए समझौते से और ज्यादा विकास की राह खुलेगी. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि यह ऊर्जा हब श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा, लोगों को सस्ती दरों पर ऊर्जा उपलब्ध कराएगा और ऊर्जा निर्यात के जरिए देश की आय भी बढ़ा सकता है.संबंधित खबरेंदोस्त के घर दुश्मन न बैठ जाए, श्रीलंका पहुंचे PM मोदी करने जा रहे ऐसा इंतजामदोस्त के घर दुश्मन न बैठ जाए, श्रीलंका पहुंचे PM मोदी करने जा रहे ऐसा इंतजामसेरेमोनियल ऑनर, मित्र विभूषण…श्रीलंका में मोदी को सम्मान, आप भी करेंगे गर्वसेरेमोनियल ऑनर, मित्र विभूषण…श्रीलंका में मोदी को सम्मान, आप भी करेंगे गर्व10 साल में 4 बार श्रीलंका क्यों गए मोदी, वजह चीन या कुछ और…जानिए अंदर की बात10 साल में 4 बार श्रीलंका क्यों गए मोदी, वजह चीन या कुछ और…जानिए अंदर की बातश्रीलंका में भारत का यह ‘एनर्जी दांव’ चीन के लिए साबित होगा धोबी पछाड़श्रीलंका में भारत का यह ‘एनर्जी दांव’ चीन के लिए साबित होगा धोबी पछाड़भारत की स्मार्ट रणनीतिइस प्रोजेक्ट में यूएई को शामिल करना भी भारत की स्मार्ट रणनीति का हिस्सा है. यूएई भारत का एक बड़ा रणनीतिक और ऊर्जा साझेदार है. दोनों देशों ने 2018 में तीसरे देशों में संयुक्त विकास परियोजनाओं पर काम करने का फैसला किया था और यह प्रोजेक्ट उसी दिशा में एक कदम है. हालांकि, यूएई की इस प्रोजेक्ट में सटीक भूमिका अभी स्पष्ट नहीं है. विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि यूएई की भागीदारी के बारे में विस्तार से जानकारी तब सामने आएगी, जब इस समझौते के तहत बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) चर्चाएं शुरू होंगी. उन्होंने यह भी बताया कि अगला कदम होगा इस प्रोजेक्ट के लिए खास एजेंसियों और संस्थाओं को चुनना. ये सरकारी संस्थाएं हो सकती हैं, निजी क्षेत्र की कंपनियां हो सकती हैं या फिर सरकार से जुड़े हुए संगठन हो सकते हैं. ये संस्थाएं मिलकर इस समझौते को जमीन पर उतारने का काम करेंगी.यह कदम न सिर्फ श्रीलंका के लिए फायदेमंद है, बल्कि भारत के लिए भी एक बड़ी रणनीतिक जीत है. चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत लगातार अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते मजबूत कर रहा है. त्रिंकोमाली प्रोजेक्ट से भारत न केवल श्रीलंका में अपनी स्थिति मजबूत करेगा, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भी अपनी पकड़ को और सशक्त बनाएगा. पीएम मोदी का यह मास्टर स्ट्रोक न सिर्फ श्रीलंका, बल्कि पूरे क्षेत्र में भारत की ताकत को दिखाता है.टॉप वीडियोसभी देखेंtags :Pm modi newsLocation :All IndiaFirst Published :April 06, 2025, 06:41 ISThomeworldश्रीलंका में PM मोदी ने खास दोस्त के जरिए खेला खेल, सकते में आ गया ड्रैगनnext articleअमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन, सभी 50 राज्यों में लाखों लोगों ने बताया ‘तानाशाह’, इसलिए भड़के लोगEdited by:योगेंद्र मिश्राAgency:News18HindiLast Updated:April 06, 2025, 06:50 ISTAnti Trump Protest: डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के खिलाफ अमेरिका के 50 राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए. ‘हैंड्स ऑफ’ मूवमेंट की ओर से आयोजित इन प्रदर्शनों में अरबपतियों के प्रभाव, सामाजिक योजनाओं मे…और पढ़ेंFollow us on Google Newsडोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन, सभी 50 राज्यों में लाखों लोग सड़कों पर उतरेट्रंप के विरोध में प्रदर्शन. (Reuters)हाइलाइट्सअमेरिका के 50 राज्यों में ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन हुएप्रदर्शन में ट्रंप को तानाशाह बताया गयाप्रदर्शनकारियों ने सामाजिक योजनाओं में कटौती का विरोध कियावॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में आए अभी तीन महीने भी ठीक से नहीं हुए हैं, लेकिन उन्होंने अपने फैसलों से अमेरिकी जनता को नाराज कर दिया है. स्थिति अब ऐसी है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क के खिलाफ अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. अमेरिका के सभी 50 राज्यों में लाखों लोगों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. एक लोकतंत्र समर्थक मूवमेंट ‘हैंड्स ऑफ’ ने इसे आयोजित किया था. वह ट्रंप और मस्क को अमेरिकी अधिकारों और स्वतंत्रता पर शत्रुतापूर्ण कब्जा और हमला करार देता है. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक हैंड्स ऑफ आंदोलन के तहत पूरे देश के राज्यों में 1400 से ज्यादा विरोध प्रदर्शन देखा गया. ये प्रदर्शन राज्यों की राजधानियों, संघीय इमारतों, कांग्रेस कार्यालयों, सोशल सिक्योरिटी मुख्यालय, पार्कों और सिटी हॉल में आयोजित किए गए.आयोजकों का कहना है कि अरबपतियों ने सत्ता को हड़प लिया है और इसे खत्म करने के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की ओर से तीन मुख्य मांग की गई है. पहला ट्रंप प्रशासन में अरबपतियों के कब्जे और भ्रष्टाचार को खत्म करना. दूसरा मेडिकेड, सोशल सिक्योरिटी जैसे जरूरी कार्यक्रमों में संघीय फंड की कटौती को रोकना. और तीसरा आप्रवासियों, ट्रांसजेंडर समुदायों व अन्य समूहों पर हमलों को रोकना.ट्रंप को बताया तानाशाहइस प्रदर्शन में लगभग 6 लाख लोगों ने हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. कुछ प्रदर्शन लंदन और पेरिस जैसे शहरों में भी हुए थे. डेमोक्रेटिक सांसद जेमी रास्किन और भारत के खिलाफ जहर उगलने वाली इल्हान उमर ने भी इसमें हिस्सा लिया. उन्होंने ट्रंप की नीतियों की सख्त आलोचना की. जेमी रास्किन ने कहा, ‘हमारे संविधान की शुरुआत ‘हम तानाशाह’ से नहीं बल्कि ‘हम लोग’ से होती है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘कोई भी नैतिक व्यक्ति ऐसा अर्थव्यवस्था-संकटग्रस्त तानाशाह नहीं चाहता जो हर चीज की कीमत जानता हो और किसी चीज की वैल्यू नहीं जानता हो.’