सोना हमेशा से लोगों की पहली पसंद रहा है. चाहे गहनों की बात हो या निवेश की, सोने की चमक कभी फीकी नहीं पड़ती. सोना हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले सभी धातुओं में से, सबसे महंगा, दुर्लभ और टिकाऊ है. तमाम खूबियों से भरपूर सोना नवरात्र में लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है. चैत्र नवरात्र के चौथे दिन दिल्ली में सोने के भाव ने अपना शिखर छू लिया. बुधवार को सोने ने 93,000 रुपये का नया कीर्तिमान बना दिया. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अब तक दुनिया में कितना सोना निकाला जा चुका है और किसके पास सबसे ज्यादा सोना है? आइए जानते हैं.अब तक कितना सोना निकला?दुनिया में अब तक करीब 2,12,000 टन सोना निकाला जा चुका है. इसमें से दो-तिहाई सोना 1950 के बाद निकला है. अगर इस सोने को इकट्ठा किया जाए, तो यह सिर्फ तीन ओलंपिक स्विमिंग पूल में समा सकता है. आज दुनिया का सबसे ज्यादा सोना चीन, रूस और ऑस्ट्रेलिया निकालते हैं. चीन हर साल करीब 330 टन सोना निकालता है. रूस साल भर में 320 टन सोना निकालता है. वहीं, ऑस्ट्रेलिया करीब 320 टन सोना पैदा करता है. इसके अलावा, कनाडा, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और पेरू का शुमार भी बड़े सोना उत्पादक देशों में होता है.सबसे ज्यादा सोना किसके पास?दुनिया में सबसे ज्यादा सोने का भंडार अमेरिका के पास है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी तो है ही साथ में अमेरिका के पास सबसे ज्यादा सोना भी है. अमेरिका के पास 8,133.5 टन सोना है. दूसरे नंबर पर जर्मनी (3,351 टन) और तीसरे पर इटली (2,452 टन) हैं. क्या आप जानते हैं कि भारत के मंदिरों और घरों में लोगों के पास अमेरिकी सरकार के खजाने से भी ज्यादा सोना रखा हुआ है. लेकिन भारत के पास सरकारी तौर पर 876 टन से ज्यादा सोना है. पद्मनाभ स्वामी मंदिर, तिरुपति बालाजी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर जैसे मंदिरों में 4000 टन से ज्यादा सोना रखा हुआ है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय महिलाओं के पास लगभग 24,000 टन सोना है. भारतीय महिलाएं दुनिया के कुल सोने के भंडार का 11 प्रतिशत गहनों के तौर पर पहनती हैं.कहां इस्तेमाल होता है सोना?दुनिया भर में इस कीमती धातु की कुल खपत का 50 फीसदी गहनों में इस्तेमाल होता है. 30 फीसदी सोना निवेश के लिए खरीदा जाता है. 10-15 फीसदी सोना केंद्रीय बैंक अपने भंडार के लिए रखते हैं. जबकि 7-10 फीसदी सोना इलेक्ट्रॉनिक्स और मेडिकल सेक्टर में इस्तेमाल होता है.कितने तरह का होता है सोनासोने का एलिमेंट सिंबल Au, प्राचीन लैटिन शब्द ‘ऑरम’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘चमकती सुबह’ या ‘सूर्योदय की चमक’. दुनिया भर में रंग और कैरेट के आधार पर 15 से अधिक प्रकार का सोना मिलता है. भारत में मुख्य रूप से पीला सोना ही चलन में है और इसे गहनों के रूप में पहना जाता है. कुछ समय से भारत में व्हाइट गोल्ड को लेकर भी आकर्षण बढ़ता जा रहा है. लेकिन दुनिया के तमाम देशों में सफेद, काला, पीला, हरा, पर्पल और गुलाबी जैसे कई रंगों के गोल्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है.कैसे तय होता है कैरेटकैरेट का मतलब होता है सोने की शुद्धता. सोने खरीदने जाने वाले लोग ये सवाल जरूर पूछते हैं कि कितने कैरेट का है? कैरेट का अर्थ है सोने के एक भाग का 24वां हिस्सा. इससे यह पता चलता है कि उस भाग में सोने के अलावा अन्य कौन-कौन सी धातुएं और कितनी मात्रा में मिली हुई हैं. उदाहरण के लिए, 24 कैरेट सोना सबसे अधिक शुद्ध माना जाता है. लेकिन 24 कैरेट सोना इतना मुलायम होता है कि इससे कोई गहना नहीं बनाया जा सकता. इसे मजबूत बनाने के लिए इसमें अन्य धातुओं का मिश्रण किया जाता है. सोना जितना कम कैरेट का होता है, उसकी कीमत भी उतनी ही कम होती है. यानी उसमें सोने के मुकाबले अन्य धातुओं की मात्रा अधिक होती है. आभूषण बनाने के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें 91.7 फीसदी सोना होता है. कैसे बदलती रही सोने की कीमतजब आर्थिक संकट आता है या महंगाई बढ़ती है, तो सोने की कीमत बढ़ जाती है. जैसा इस समय हुआ है. लेकिन सोने की कीमत समय-समय पर बदलती रहती है. 1971 में सोने की कीमत लगभग 193 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. 1980 में यह बढ़कर लगभग 1,330 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. 2011 में सोने की कीमत लगभग 26,400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई. 2024 में सोने की कीमत लगभग 77,913 रुपये प्रति 10 ग्राम थी.