फरवरी में की भूकंप की भविष्यवाणी मार्च में आया जलजला , हैदराबाद के युवक ने देख ली थी म्यांमार की तबाही

Myanmar Earthquake Prediction: हैदराबाद के एक भूकंप उत्साही द्वारा किए गए एक ट्वीट ने 28 फरवरी को भूकंप विज्ञानियों और नागरिकों के बीच हलचल मचा दी. इस ट्वीट में म्यांमार के मंडाले के पास भूकंप की भविष्यवाणी की गई थी, और लगभग एक महीने बाद वहां 7.7 तीव्रता का भूकंप आया.TOI की रिपोर्ट के अनुसार यह भविष्यवाणी सैनीकपुरी के निवासी और एलुरु के मूल निवासी सिवा सीताराम ने की थी. सिवा एक जीआईएस इंजीनियर हैं और उनके पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है. उन्होंने 21.54°N 94.34°E के पास ~6.5 तीव्रता के भूकंप की संभावना का जिक्र किया था, जिसमें मंडाले, नेपीडॉ और सिटवे जैसे क्षेत्र शामिल थे.20अटल बिहारी वाजपेयी: कारगिल युद्ध के बाद दी गई वो इफ्तार पार्टी, पूरा देश हो गया था एकजुट, मुंह ताकते रह गए थे दुनियावालेEdited by:Manish KumarLast Updated:March 29, 2025, 18:37 ISTAtal Bihari Vajpayee Iftar Party: भारत लोकतांत्रिक देश होने के साथ ही बहुसांस्‍कृतिक और बहुधार्मिक देश भी है. सालों से सनातन धर्म का गढ़ भारत में कई संप्रदाय साथ मिलकर रह रहे हैं. यह दुनिया के लिए कौतू…और पढ़ेंFollow us on Google NewsAdvertisementवाजपेयी: कारगिल युद्ध के बाद दी गई वो इफ्तार पार्टी, पूरा देश हो गया था एकजुटपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्‍न अटल बिहारी वाजपेयी के समय में पूरे उत्‍साह के साथ इफ्तार पार्टियों का आयोजन होता था.हाइलाइट्सअटल बिहारी वाजपेयी अपने कार्यकाल में इफ्तार पार्टी को नया आयाम दिया थाइफ्तार पार्टियां सामाजिक सौहार्द्र के साथ ही एकता के लिए भी मिसाल बनी थींरमजान के पवित्र महीने में इफ्तार पार्टियां राजनीति में परंपरा की तरह हैंपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्‍न अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति में अपनी उदार सोच, अनोखे अंदाज और समावेशी दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे. वह भारत के दसवें प्रधानमंत्री थे. उनकी इफ्तार पार्टियां सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक मानी जाती थीं. भारत में राजनीतिक दलों द्वारा इफ्तार पार्टियां आयोजित करने की परंपरा पुरानी है, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे महज़ औपचारिकता नहीं, बल्कि एक सामाजिक समरसता का मंच बनाया. उनकी इफ्तार पार्टियां एक संदेश देती थीं कि भारतीय राजनीति केवल बहस और प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं, बल्कि मेल-जोल और एकता को भी महत्व देती है. कारगिल युद्ध के बाद तत्‍कालीन पीएम वाजपेयी की ओर से दी गई इफ्तार पार्टी ने पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरो दिया था. दुनियावाले भी भौंचक्‍के रह गए थे.अटल बिहारी वाजपेयी वाजपेयी खुद कट्टर हिंदूवादी राजनीति से दूर रहकर उदार राष्ट्रवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने में विश्वास रखते थे. वे मानते थे कि देश की विविधता ही उसकी ताकत है. इसलिए, जब वे प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने इफ्तार पार्टियां आयोजित करने की परंपरा को जारी रखा और उसे और अधिक गरिमा प्रदान की. वाजपेयी की इफ्तार पार्टिया न केवल धार्मिक सौहार्द का प्रतीक थीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होती थीं. उनके द्वारा दी गई इफ्तार पार्टियों में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, कूटनीतिज्ञ, साहित्यकार, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होते थे. यह आयोजन मुस्लिम समुदाय के प्रति एक सकारात्मक संदेश भेजता था और भाजपा को एक समावेशी पार्टी के रूप में प्रस्तुत करता था.ऐतिहासिक इफ्तार पार्टियां1998-99 में प्रधानमंत्री बनने के बाद – अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में कई बार इफ्तार पार्टी का आयोजन किया. साल 1999 में जब कारगिल युद्ध के बाद देश में राष्ट्रवाद की भावना चरम पर थी, तब उन्होंने इफ्तार के माध्यम से शांति और सद्भाव का संदेश दिया.संबंधित खबरेंTejas: क्रायोजेनिक की तरह खुद ही संभल जाने का आ गया वक्त, वरना होगा बेड़ा गर्कTejas: क्रायोजेनिक की तरह खुद ही संभल जाने का आ गया वक्त, वरना होगा बेड़ा गर्कCM नीतीश की इफ्तार पार्टी पर मुस्लिम संगठनों का बड़ा ऐलान, अब बॉयकाट पॉलिटिक्सCM नीतीश की इफ्तार पार्टी पर मुस्लिम संगठनों का बड़ा ऐलान, अब बॉयकाट पॉलिटिक्ससाल 2003 की इफ्तार पार्टी – साल 2003 में आयोजित इफ्तार पार्टी विशेष रूप से चर्चा में रही, क्योंकि तब भारत-पाकिस्तान संबंधों को सुधारने की कोशिशें हो रही थीं. इसमें विभिन्न मुस्लिम देशों के राजदूतों के साथ-साथ पाकिस्तान के कुछ नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था.वाजपेयी का विराट व्‍यक्तित्‍वभाजपा एक राष्ट्रवादी पार्टी मानी जाती है और कई बार पार्टी के भीतर इफ्तार पार्टियों पर असहमति भी देखी गई, लेकिन वाजपेयी का व्यक्तित्व अलग था. वे कट्टरपंथी विचारधाराओं के बजाय सर्वसमावेशी राजनीति के पक्षधर थे. वे मानते थे कि एक प्रधानमंत्री को पूरे देश का प्रतिनिधित्व करना चाहिए न कि किसी एक धर्म या वर्ग विशेष का. हालांकि, समय के साथ भाजपा के भीतर इफ्तार पार्टियों पर बहस शुरू हो गई. पूर्व पीएम ने यह सिद्ध किया कि राजनीति केवल मतों की गणना नहीं होती, बल्कि यह दिलों को जोड़ने की भी एक प्रक्रिया है. उनकी इफ्तार पार्टियां महज़ एक आयोजन नहीं थीं, बल्कि यह भारतीय राजनीति में एक सकारात्मक संदेश छोड़ गईं कि आपसी सौहार्द्र और एकता ही राष्ट्र की सच्ची ताकत है.टॉप वीडियोसभी देखेंtags :Atal Bihari VajpayeeNational NewsLocation :New Delhi,DelhiFirst Published :March 29, 2025, 18:31 ISThomenationवाजपेयी: कारगिल युद्ध के बाद दी गई वो इफ्तार पार्टी, पूरा देश हो गया था एकजुटnext articleहिम्मत चाहिए ये करने के लिए! बेटे की इन हरकतों से जब परेशान हुई मां, तो उठाया ये कदम…Written by:Shikhar ShuklaAgency:Local18Last Updated:March 29, 2025, 18:36 ISTKerala: एक मां ने अपने बेटे को पुलिस के हवाले कर दिया, जो नशे और अपराध में लिप्त था. बेटे की धमकियों और हिंसा से परेशान होकर मां ने 10 साल की उम्मीद के बाद कानून का सहारा लिया.Follow us on Google Newsहिम्मत चाहिए इसके लिए! बेटे की हरकतों से परेशान हुई मां, उठाया ये कदम और…केरल में मां ने बेटे को खुद पुलिस को सौंपाकेरल में कुछ सप्ताह पहले एक मां की दर्दनाक कहानी सामने आई थी, जिसमें उसने पुलिस को बताया था कि उसका बेटा उसे मारने की कोशिश कर रहा था. बेटे ने न केवल उसकी गर्दन दबाने की कोशिश की बल्कि सिर पर हथौड़े से वार भी किया. इसके कुछ ही दिन बाद एक और खबर आई कि पुलिस ने एमडीएमए के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें एक मां और बेटा भी शामिल थे. यह घटनाएं दिखाती हैं कि युवा पीढ़ी किस तरह नशे और अपराध की दुनिया में फंसती जा रही है. लेकिन इस माहौल में एक मां ने हिम्मत दिखाई और अपने ही बेटे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. यह कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि उन हजारों माताओं की पीड़ा को दर्शाती है जो अपने बच्चों को गलत रास्ते पर जाते देख रही हैं.मिनी ने अपने ही बेटे को पुलिस के हवाले कियाकोझिकोड के एलाथुर की रहने वाली वलियिल मिनी ने अपने 26 वर्षीय बेटे राहुल को पुलिस के हवाले कर दिया. राहुल पहले ही पोक्सो सहित कई मामलों में आरोपी था और जमानत पर रिहा होने के बाद 9 महीने तक फरार रहा. जब वह घर लौटा तो उसने हंगामा मचाना शुरू कर दिया. उसकी मां ने पुलिस को बुलाया, लेकिन राहुल ने आत्महत्या की धमकी देते हुए अपनी गर्दन पर ब्लेड रख लिया. पुलिस ने उसे शांत कराकर हिरासत में ले लिया. मिनी ने बताया कि उसके बेटे को नशे की लत उसके स्कूल के दोस्तों ने लगवाई थी. धीरे-धीरे वह हिंसक होता चला गया और परिवार के सदस्यों को धमकाने लगा.बेटे ने परिवार को बनाया डर का शिकारराहुल की हरकतें धीरे-धीरे परिवार के लिए खतरा बन गईं. वह लगातार घर में शोर मचाता और पैसों की मांग करता. जब पैसे नहीं मिलते तो गुस्से में घर का सामान तोड़ देता. उसने घर के कपड़े तक जलाने की कोशिश की. राहुल ने अपनी मां, दादी और यहां तक कि अपनी बहन के बच्चे को भी जान से मारने की धमकी दी. पुलिस को बुलाने के बाद उसने आत्महत्या की धमकी देते हुए एक सुसाइड नोट भी लिख दिया, ताकि अपनी मां को ही फंसा सके.संबंधित खबरेंशाबास साक्षी… तुम्हारा इंटरव्यू बड़े बड़े नेताओं और IAS अफसरों पर भी भारी हैशाबास साक्षी… तुम्हारा इंटरव्यू बड़े बड़े नेताओं और IAS अफसरों पर भी भारी हैपीलीभीत में जाम की टेंशन होगी खत्म… यहां बनेगा नया बस स्टैंड!पीलीभीत में जाम की टेंशन होगी खत्म… यहां बनेगा नया बस स्टैंड!सिर चढ़कर बोल रहा इस खिलाड़ी का जुनून, तैयारी के लिए बेच डाला घर, अब लगातार…सिर चढ़कर बोल रहा इस खिलाड़ी का जुनून, तैयारी के लिए बेच डाला घर, अब लगातार…30 मार्च से शुरू होगा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर समर शेड्यूल30 मार्च से शुरू होगा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर समर शेड्यूलदस साल तक मां ने रखी उम्मीद, लेकिन अंत में हार गईमिनी ने पूरे दस साल तक उम्मीद की कि उसका बेटा सुधर जाएगा. उसने अपने बेटे को सही राह पर लाने के लिए अपनी सारी बचत उस पर खर्च कर दी, लेकिन राहुल अपराध की दुनिया में और गहरे उतरता चला गया. आखिरकार, जब वह समाज के लिए खतरा बन गया, तो मजबूर होकर मां को पुलिस की मदद लेनी पड़ी. मिनी ने अधिकारियों से गुहार लगाई कि राहुल को जल्दी जेल से न छोड़ा जाए, क्योंकि बाहर आने के बाद वह सबसे पहले अपने माता-पिता की हत्या कर देगा.अपराध और नशे की दुनिया में डूबा राहुलराहुल का संबंध मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह से बताया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक, वह पहले भी तीन बार आत्महत्या करने की कोशिश कर चुका है. कोझिकोड, थमारास्सेरी, कूराचुंडु और इडुक्की जिले के पीरुमेदु पुलिस थानों में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं.टॉप वीडियोसभी देखेंtags :KeralaLocal18Special ProjectLocation :KeralaFirst Published :March 29, 2025, 18:36 ISThomenationहिम्मत चाहिए इसके लिए! बेटे की हरकतों से परेशान हुई मां, उठाया ये कदम और…next articleफरवरी में की भूकंप की भविष्यवाणी मार्च में आया जलजला , हैदराबाद के युवक ने देख ली थी म्यांमार की तबाहीWritten by:Sumit KumarAgency:एजेंसियांLast Updated:March 29, 2025, 17:57 ISTMyanmar Earthquake Prediction: हैदराबाद के सिवा सीताराम ने म्यांमार में भूकंप की भविष्यवाणी की थी, जो मार्च के अंत में सच साबित हुई. उनकी भविष्यवाणियों ने सोशल मीडिया पर ध्यान खींचा है.Follow us on Google Newsफरवरी में की भूकंप की भविष्यवाणी मार्च में आया जलजला, हैदराबाद के युवक का दावायह भविष्यवाणी सैनीकपुरी के निवासी और एलुरु के मूल निवासी सिवा सीताराम ने की थी. (फोटो AP)हाइलाइट्सहैदराबाद के सिवा सीताराम ने म्यांमार में भूकंप की भविष्यवाणी की थी.सिवा की भविष्यवाणी मार्च के अंत में सच साबित हुई.सिवा का दावा है कि वे सौर विकिरण पैटर्न का उपयोग करते हैं.Myanmar Earthquake Prediction: हैदराबाद के एक भूकंप उत्साही द्वारा किए गए एक ट्वीट ने 28 फरवरी को भूकंप विज्ञानियों और नागरिकों के बीच हलचल मचा दी. इस ट्वीट में म्यांमार के मंडाले के पास भूकंप की भविष्यवाणी की गई थी, और लगभग एक महीने बाद वहां 7.7 तीव्रता का भूकंप आया.TOI की रिपोर्ट के अनुसार यह भविष्यवाणी सैनीकपुरी के निवासी और एलुरु के मूल निवासी सिवा सीताराम ने की थी. सिवा एक जीआईएस इंजीनियर हैं और उनके पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है. उन्होंने 21.54°N 94.34°E के पास ~6.5 तीव्रता के भूकंप की संभावना का जिक्र किया था, जिसमें मंडाले, नेपीडॉ और सिटवे जैसे क्षेत्र शामिल थे.पढ़ें- इधर भूकंप से डोल रही थी धरती, उधर काम पर लग गया धरती का भगवान, सड़क पर बच्चे का जन्म- VIDEOसंबंधित खबरेंम्यांमार की तबाही मे भारत कैसे बना संकट मोचक? दुनिया देखती रही और हमने कर दियाम्यांमार की तबाही मे भारत कैसे बना संकट मोचक? दुनिया देखती रही और हमने कर दियाभूकंप में मरने वालों में एक भी भारतीय नहीं,80 लोगों की NDRF टीम म्यांमार रवानाभूकंप में मरने वालों में एक भी भारतीय नहीं,80 लोगों की NDRF टीम म्यांमार रवानाभूकंप से कांप रही थीं इमारतें, 40वें फ्लोर पर था शख्स, कैसे बची जान, देखेंभूकंप से कांप रही थीं इमारतें, 40वें फ्लोर पर था शख्स, कैसे बची जान, देखेंम्यांमार में क्यों आते हैं अक्सर भूकंप? किस वजह से आ रही बार-बार तबाही?म्यांमार में क्यों आते हैं अक्सर भूकंप? किस वजह से आ रही बार-बार तबाही?28 फरवरी को कर दी थी भविष्यवाणीभविष्यवाणी की तारीख 28 फरवरी थी और मार्च के अंत में म्यांमार के सागाइंग फॉल्ट के पास 6.0 तीव्रता का भूकंप आया. सिवा ने हैदराबाद में सिस्मो रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना की है. उन्होंने कहा, “मैंने कई मापदंडों का उपयोग किया. 100 मामलों में से 18 का सफल होना एक अच्छा सफलता दर है. कभी-कभी तारीखें एक से कुछ महीनों तक भिन्न हो सकती हैं, लेकिन स्थान और आवृत्ति में सफल भविष्यवाणियों में वास्तविकता और भविष्यवाणी समान होती हैं,” .2004 से भूकंपों पर शोध कर रहे सिवा का दावा है कि वे सौर विकिरण पैटर्न, भू-चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन, वायुमंडलीय डेटा और मौसम मॉडल का संयोजन उपयोग करते हैं. उनकी वेबसाइट, www.seismo.in, 10 से अधिक देशों में भूकंपों को ट्रैक करती है और जापान, इथियोपिया, फिलीपींस और भारत जैसे क्षेत्रों के लिए भविष्यवाणियां शामिल हैं.उन्होंने कहा कि उन्होंने छह साल का भूकंप डेटा इकट्ठा किया है और 100 से अधिक भविष्यवाणियां की हैं, जिनमें से लगभग 18 वास्तविक घटनाओं से मेल खाती हैं. अब वे अगले कुछ महीनों में धर्मशाला में 7 से अधिक तीव्रता के भूकंप की भविष्यवाणी कर रहे हैं. संयोग के बावजूद, विशेषज्ञ सतर्क हैं. नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. श्रीनागेश ने कहा कि वे सिवा के काम को देख रहे हैं.उन्होंने आगे कहा, “हम उनकी भविष्यवाणियों को पूरी तरह से खारिज नहीं कर सकते, लेकिन उन्हें वैज्ञानिक रूप से सत्यापित किया जाना चाहिए.” उन्होंने बताया कि हालिया भूकंप सागाइंग फॉल्ट के पास हुआ, जहां भारतीय और म्यांमार टेक्टोनिक प्लेट्स इंटरैक्ट करती हैं. वहां नौ प्रमुख भूकंपों में से सात की तीव्रता 7 से अधिक थी. आखिरी भूकंप 2012 में आया था.सोशल मीडिया छाए सिवासिवा के काम ने सोशल मीडिया पर विशेष ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने शेयर किया कि उनका वर्तमान मॉडल, हालांकि सीमित उपकरणों के साथ विकसित किया गया है, अपने अंतिम परीक्षण चरण में है. वे भविष्य में 50 से अधिक देशों में भूकंप की भविष्यवाणी करने की योजना बना रहे हैं. जबकि जापान और मेक्सिको जैसे देशों में अधिकांश आधुनिक चेतावनी प्रणालियाँ भूकंप से 30-40 सेकंड पहले चेतावनी देती हैं, सिवा का दावा है कि उनकी विधि एक सप्ताह से एक महीने पहले घटनाओं का संकेत दे सकती है.बहस जारी है क्योंकि उनके समर्थक उनके मॉडल पर और अधिक शोध की मांग कर रहे हैं, जबकि वैज्ञानिक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि किसी भी ऐसे सिस्टम को आधिकारिक एजेंसियों द्वारा गंभीरता से लेने से पहले सहकर्मी-समीक्षित सत्यापन की आवश्यकता है

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