20Delimitation News: क्या चाहते हैं CM स्टालिन, चेन्नई में जुटाए 3 राज्यों के CM, केंद्र के खिलाफ फूंका बिगुलEdited by:Manish KumarAgency:एजेंसियांLast Updated:March 22, 2025, 17:16 ISTLok Sabha Delimitation News: लोकसभा परिसीन की चर्चाओं के बीच दक्षिण भारत से विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इसकी अगुआई कर रहे हैं और केंद्र के के खिलाफ ज्यादा …और पढ़ेंFollow us on Google NewsAdvertisementलोकसभा परिसीमन: क्या है स्टालिन की प्लानिंग, क्यों जुटाए 3 राज्यों के CMलोकसभा सीटों के परिसीमन को लेकर चेन्नई में बड़ी बैठक आयोजित की गई. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसकी अध्यक्षता की. (फोटो: पीटीआई)हाइलाइट्सलोकसभा परिसीमन को लेकर चेन्नई में विपक्षी दलों की बैठकसीएम एमके स्टालिन ने की एक्सपर्ट पैनल बनाने की वकालतदक्षिण भारतीय राज्यों की लोकसभा सीटें कम होने की आशंकाचेन्नई. देश की जनसंख्या के हिसाब से लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर परिसीमन करने की तैयारी चल रही है. दूसरी तरफ, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन अलग ही मोर्चा बनाने में जुटे हैं. उनका कहना है कि परिसीमन होने की स्थिति में खासकर दक्षिण भारतीय राज्यों की सीटें कम हो जाएंगी. सीएम स्टालिन का कहना है कि तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत और प्रदेशों ने पॉपुलेशन कंट्रोल के लिए कई योजनाएं चलाईं, तब जाकर यह सफलता मिली. उनका यह भी मानना है कि जनसंख्या के हिसाब से विभिन्न राज्यों को लोकसभा सीटें आवंटित करने की स्थिति में तमिलनाडु समेत अन्य उन राज्यों का प्रतिनिधित्व संसद में कम हो जाएगा, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में काम किया. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वह परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसे निष्पक्ष होना चाहिए. इस बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार जैसे नेताओं ने हिस्सा लिया. दूसरी तरफ इसी मसले पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है.ज्वाइंट एक्शन कमेटी की पहली बैठक को संबोधित करते हुए सीएम स्टालिन ने कहा कि अगली जनगणना के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का जनसंख्या-आधारित परिसीमन कुछ राज्यों को बहुत प्रभावित करने वाला है. स्टालिन ने कहा कि जिन राज्यों ने विभिन्न सामाजिक पहल और प्रगतिशील कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जनसंख्या को नियंत्रित किया है, इसके चलते वे स्टेट संसदीय प्रतिनिधित्व को काफी हद तक खो देंगे. सीएम स्टालिन ने बताया कि इसे समझते हुए उन्होंने 5 मार्च 2025 को तमिलनाडु के सभी दलों की एक बैठक की थी. स्टालिन ने कहा, ‘मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि मौजूदा जनसंख्या के आधार पर 543 सीटें कम की जाती हैं, तो तमिलनाडु 8 सीटों का नुकसान उठाएगा. यदि संसद में सीटों की कुल संख्या बढ़ाई जाती है, तो तमिलनाडु को वर्तमान प्रतिनिधित्व के अनुसार वास्तविक वृद्धि की तुलना में 12 सीटों का नुकसान होगा. मैंने कहा कि यह हमारे राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर सीधा प्रहार होगा.’ बैठक के बाद केंद्र सरकार से परिसमीन को 25 साल तक के लिए टालने का अनुरोध किया गया.जगनमोहन ने PM को लिखी चिट्ठीआंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से परिसीमन की प्रक्रिया को इस तरह से करने की अपील की है कि किसी भी राज्य को लोकसभा या राज्यसभा में प्रतिनिधित्व में कोई कमी नहीं आए, खासकर सदन में कुल सीटों की संख्या के मामले में. 21 मार्च को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में वाईएसआरसीपी प्रमुख ने कहा, ‘परिसीमन की प्रक्रिया को इस तरह से करने का अनुरोध किया जाता है कि किसी भी राज्य को सदन में कुल सीटों की संख्या के मामले में लोकसभा या राज्यसभा में अपने प्रतिनिधित्व में कोई कमी नहीं झेलनी पड़े.’ जगन मोहन ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान में इस तरह संशोधन किया जाना चाहिए कि किसी भी राज्य को लोक सभा में अपने प्रतिनिधित्व में किसी तरह की कमी का सामना न करना पड़े. परिसीमन प्रक्रिया को पूरे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मामला बताते हुए उन्होंने कहा कि इसका दूरगामी प्रभाव हो सकता है. उन्होंने कहा कि इससे न केवल नीति और कानून बनाने में कुछ राज्यों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर असर पड़ता है, बल्कि भारत की आबादी के बड़े हिस्से की गहरी भावनाएं भी प्रभावित होती हैं. जगन मोहन रेड्डी ने कहा, ‘महोदय, इसके मद्देनजर मैं परिसीमन प्रक्रिया शुरू करते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत पर जोर देता हूं.’ उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के बीच जनसंख्या नियंत्रण में असंतुलन एक बड़ा मुद्दा है. उनका पत्र ऐसे समय में आया है जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के निमंत्रण पर कई पार्टियां परिसीमन प्रक्रिया पर विचार-विमर्श करने के लिए चेन्नई में बैठक कर रही किसने क्या कहाकर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि हम भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण आंदोलन में शामिल हुए. लोकतंत्र और संघवाद की नींव खतरे में है. इसलिए एक अच्छी शुरुआत हुई है और आज JAC का गठन किया गया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता और सांसद ने कहा कि परिसीमन पर कहा कि इस मसले पर अभी और चर्चा होने की जरूरत है. BJD नेता और ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि परिसीमन के लिए जनसंख्या को एक मात्र आधार बनाना गलत है. उन्होंने कहा कि इस मसले पर सभी दलों के साथ बातचीत जरूरी है. वहीं, एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि संसदीय सीटों का परिसीमन अवश्य होना चाहिए, लेकिन तरीका निष्पक्ष होना चाहिए.
Delimitation News: क्या चाहते हैं CM स्टालिन, चेन्नई में जुटाए 3 राज्यों के CM, केंद्र के खिलाफ फूंका बिगुल
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