नई दिल्ली. पृथ्वी पर आपको सबसे गर्म और सबसे ठंडे इलाके आसानी से मिल जाएंगे. सर्दियों में साउथ पोल पर तापमान माइनस 100 डिग्री तक पहुंच जाता है. वहीं, डेथ वेली के नाम से मशहूर केलिफोर्निया की फर्नेस क्रीक रेंच पर अबतक का सबसे ज्यादा तापमान 56.7 डिग्री दर्ज किया गया. उधर,धरती से करीब 400 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानी ISS एक ऐसी जगह है, जहां हर 45 मिनट में तापमान 150 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. खासबात यह है कि 45 मिनट पूरे होते ही अचानक तापमान में ऐसी गिरावट होती है कि यह एकाएक माइनस 150 डिग्री तक गिर जाता है.ISS पर हर 45 मिनट में दिन और रात का अनुभवऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह पृथ्वी के वायुमंडल में है, जो अंतरिक्ष का हिस्सा है. अंतरिक्ष का कोई अपना वातावरण नहीं होता. ऐसे में तापमान को स्थिर रख पाना संभव नहीं होता. ISS पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है और इसे हर 45 मिनट में दिन और रात का अनुभव होता है. सूरज की रोशनी में तापमान +150 °C तक पहुंच जाता है. वहीं, जैसे ही ISS धरती की छाया में सूरज के पिछले हिस्से में चला जाता है तो उसका तापमान -150°C तक गिर जाता है.ISS पर कैसे रह पाते हैं एस्ट्रोनॉट?अब मन में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर ऐसे तापमान में कोई कैसे जीवित रह सकता है. दरअसल, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर इन दोनों ही स्थिति में जीवित रह पाना संभव नहीं है. ऐसे में ISS को थर्मल इन्सुलेशन की कोटिंग से ढका गया है, जो तापमान को स्थिर बनाए रखता है. हीट रेडिएटर्स गर्मी को बाहर निकालने और ठंड को संतुलित करने का काम करते हैं. इलेक्ट्रॉनिक तापमान नियंत्रण इंटरनल तापमान को 20°C से 25°C के बीच रखने में मदद करते हैं ताकि ताकि अंतरिक्ष यात्री आराम से रह सकें. बाहर चाहे कितना भी गरम या ठंडा मौसम हो ISS के अंदर तापमान इंसानों के अनुकूल बनाए रखा जाता है.सुनीता विलियम्स ने रचा इतिहासभारतीय मूल की सुनीता विलियम्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर सबसे ज्यादा वक्त बिताने वाली महिला बन गई हैं. वो आठ दिन के लिए ISS पर गई थी लेकिन तकनीकी खराबी के कारण वो वहां फंस गई. 286 दिन बिताने के बाद उन्हें और उनके साथी एस्ट्रोनॉट एलेकसांद्र गोर्बुनोव को वापस धरती पर लाया जा सका. एलोन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स के विमान से वो वापस आए. साथ ही कई अन्य एस्ट्रोनॉट्स को भी सुनीता और एलेकसांद्र की जगह ISS पर अब भेजा गया है.