नई दिल्ली. भारत ने पाकिस्तान पर मिसाइल और ड्रोन बरसाए थे और अब भारत के डिफेंस सेक्टर पर पैसा बरसना शुरू हो गया है. भारतीय हथियारों की ताकत और दुनिया में बढ़ती डिमांड को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि मानों डिफेंस सेक्टर निर्यात का नया विकल्प बनकर उभर रहा है. डिफेंस सेक्टर की बढ़ती इस ताकत और डिमांड का फायदा उठाने के लिए तमाम निवेशक पैसे लेकर खड़े हैं. प्राइवेट सेक्टर के निवेशकों ने भारत के डिफेंस सेक्टर में पैसे लगाने की पेशकश की है.डिफेंस सेक्टर के विशेषज्ञों का कहना है कि जब आप रक्षा तकनीकों में निवेश करते हैं, तो 2-3 साल में रिटर्न की उम्मीद न करें. आपको कम से कम एक दशक तक अनुसंधान और विकास पर काम करना होगा. हर क्षेत्र में अगर 3,000 कंपनियां हैं, तो खरीदार के लिए इसमें से चुनाव करना मुश्किल हो जाता है. सभी कंपनियां आगे बढ़ती भी नहीं हैं, इसमें से कुछ ही सफल हो पाती हैं. जैसे आज 400 ड्रोन कंपनियां हैं, लेकिन इनमें से 20 से ज्यादा नहीं टिकने वाली हैं. जाहिर है कि निवेशकों को अपना विकल्प चुनते समय काफी ध्यान रखना होगा.