पश्चिम चम्पारण. यदि आप किसी ऐसे आहार की तलाश में हैं, जिसके सेवन से शरीर में कैल्शियम, मैग्निशियम, जिंक, जस्ता, फॉस्फोरस तथा प्रोटीन की कमी की पूर्ति हो सके, तो आज हम आपको एक ऐसे पेड़ की जानकारी दे रहे हैं, जिसपर उगने वाले फल में एक दर्जन से अधिक पोषक पाए जाते हैं.जानकार बताते हैं कि ये पेड़ कोई और नहीं, बल्कि महुआ का है.महुआ की पत्तियों एवं छाल में भी पोषक तत्वों का भंडार होता है.आप इनका उपयोग विभिन्न रूपों में कर सकते हैं. क़रीब डेढ़ दशक के अनुभव के साथ मेडिसिनल प्लांट एक्सपर्ट रविकांत पांडे ने महुआ के फल, पत्तियों एवं छाल पर कुछ विशेष जानकारी साझा की है.कमज़ोर एवं हिलते दांत को जड़ से बैठाएमेडिसिनल प्लांट्स एक्सपर्ट रविकांत पांडे बताते हैं कि महुआ एक ऐसा पेड़ है जिसकी छाल, फल और बीज तक में औषधीय गुण पाए जाते हैं. यदि कोई व्यक्ति हिलते दांत की समस्या से परेशान है, जिसे डॉक्टर्स ने भी उखाड़ने की सलाह दे दी है, तो उसके लिए महुए की छाल बेहद कमाल साबित हो सकती है.इसके लिए आपको पेड़ की छाल से सिर्फ 15 दिनों तक गार्गल करना होगा. महज़ ढाई सौ ग्राम महुआ की छाल को करीब एक लीटर पानी में खूब उबाल कर रख लें. फिर उस पानी से 15 दिन तक गार्गल करें. यकीन मानिए जिस दांत को डॉक्टर्स ने भी उखाड़ने की सलाह दी है, उस हिलते सड़ते दुखते दांत को भी ये पूरी तरह सेट कर देगा.हड्डियों को स्वस्थ्य एवं मजबूत बनाता हैरविकांत बताते हैं कि महुआ की पत्तियों में एल्कलॉइड, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, सैपोनिन, टैनिन, ट्राइटरपीनोइड्स जैसे तत्व पाए जाते हैं. वहीं इसके फल में कैल्शियम, मैग्निशियम, जिंक, जस्ता, फॉस्फोरस तथा विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके सेवन से हड्डियों को मजबूती मिलती है.यदि आपकी हड्डियां कमज़ोर हैं या उनमें दर्द की शिकायत है, तो महुवा का सेवन आपकी इस समस्या का प्राकृतिक समाधान हो सकता है.इतना ही नहीं,मसल्स को डेवलप करने के लिए भी यह एक अच्छा आहार है.कैल्शियम का बेहतर स्रोत होने की वजह से आप महुआ का सेवन गाय के दूध के साथ भी कर सकते हैं.