24 सितंबर 1982 को एक ऐसी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, जिसे बनाना मेकर्स के लिए आसान नहीं था. इस फिल्म का नाम था ‘निकाह’, जिसमें राज बब्बर मुख्य भूमिका में नजर आए थे. इस फिल्म को लेकर देशभर में काफी विवाद भी हुआ था. बाद में, यही फिल्म कल्ट क्लासिक बनकर उभरी. हालांकि इस फिल्म के बाद भी ऐसी कई फिल्में बनीं जो तीन तलाक पर बेस्ड थीं. अब ‘निकाह’ के 43 साल बाद एक और फिल्म बनी है जो तीन तलाक पर ही बेस्ड है और मेकर्स ने इस फिल्म को बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, आफताब शिवदासानी और जया प्रदा जैसे सितारों के साथ बनाई है, जिसका नाम ‘रिवाज’ है.फिल्म ‘रिवाज’ को सिनेमाघरों के बजाय ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज किया गया है. इस फिल्म की कहानी एक ऐसी महिला की है, जिसे उसका पति स्पीड पोस्ट के जरिए तलाक देता है. उसके बाद उस महिला के संघर्ष की पूरी कहानी दिखाई जाती है. तो चलिए, सबसे पहले आपको फिल्म की कहानी के बारे में बताते हैं. ये कहानी है जैनब (मायरा सरीन) की. जैनब एक बहादुर लड़की है जो पुराने रिवाजों को चुनौती देती है. जैनब की शादी समाज के दबाव में हो जाती है, लेकिन जो रिश्ता एक समझौते से शुरू होता है, वो जल्द ही एक बुरे सपने में बदल जाता है. उसका पति हनीफ (आफताब शिवदासानी) और उसका परिवार उसे बहुत तकलीफ देता है. वो हर रोज घर के कामों में और चुपचाप दर्द सहने में फंसी रहती है.फिल्म में जैनब की सास-ससुर तो चोरी-छिपे उसका गर्भपात भी करवा देते हैं और एक दिन तंग आकर जैनब अपने मां-बाप के घर जाने का फैसला करती है, लेकिन वह इस बात से अनजान रहती है कि उसके मायके जाने के बाद उसका पति हनीफ उसे तीन तलाक का नोटिस भेज देगा. फिर कुछ ऐसा ही होता है कि हनीफ उसे स्पीड पोस्ट के जरिए तलाक देता है और अपना सारा रिश्ता उससे तोड़ लेता है. उसके बाद जैनब हार नहीं मानती है और टूटे दिल और धोखे के बाद जैनब ने वापस लड़ने का फैसला करती है, लेकिन इस बीच उसे कानून, समाज और अपने ही लोगों के ताने सुनने पड़ते हैं. जब वो हार मानने ही वाली होती है, तभी उसकी मुलाकात सुप्रीम कोर्ट के वकील रमजान कादिर (मिथुन चक्रवर्ती) से होती है जो उसकी मदद के लिए आगे आते हैं. उसके बाद आगे क्या होता है इसके लिए आपको खुद पूरी फिल्म देखनी होगी, लेकिन इतना तो तय है कि फिल्म में दिखाया गया जैनब का संघर्ष आपको भावुक कर देगा.