मुनाफे में सोने को पीछे छोड़ देगी ये चमकीली धातु? चुपके से बढ़ा रही रफ्तार, रिपोर्ट में खुलासा!

नई दिल्ली. वर्ष 2025 चांदी के लिए काफी अच्छा रह सकता है. इसकी वजह अधिक औद्योगिक मांग और आपूर्ति की कमी होना है. यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई. एमके वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड की रिपोर्ट के मुताबिक, चांदी में अगले 12 से 18 महीने तेजी देखने को मिल सकती है. वित्तीय फर्म का मानना है कि मध्यम से लंबी अवधि के कारक चांदी की कीमत में बढ़त का समर्थन कर रहे हैं. इसकी वजह अमेरिका में ब्याज दरों में गिरावट, वैश्विक अस्थिरता, इलेक्ट्रिक व्हीकल और ग्रीन एनर्जी सेक्टर के कारण बढ़ती हुई औद्योगिक मांग है.

आगे कहा गया कि चांदी के लिए लंबी अवधि का आउटलुक मजबूत बना हुआ है. इसकी वजह औद्योगिक उपयोग बढ़ना है. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, सर्किट बोर्ड्स, सोलर पैनल और ईवी बैटरी में चांदी एक मुख्य घटक है. इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी के निरंतर अपनाए जाने के कारण, चांदी की औद्योगिक मांग मजबूत बनी रहने की उम्मीद हैवेल्थ मैनेजमेंट कंपनी ने कहा कि चांदी की कुल मांग का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा औद्योगिक क्षेत्र से आ रहा है. हाल के समय में चांदी की कीमतों में उछाल देखने को मिला है. भारतीय रुपयों में चांदी की कीमतें 2024 में 15 प्रतिशत बढ़ी है और 2025 में अब तक 11 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं. 2024 में चांदी की कुल मांग 1,219 मिलियन औंस रहने का अनुमान है, जबकि आपूर्ति केवल 1,004 मिलियन औंस थी.रिपोर्ट में कहा गया कि मांग और आपूर्ति में लगातार अंतर बना हुआ है , जिसके कारण चांदी की बढ़ती कीमतों को समर्थन मिल रहा है. चांदी फिलहाल 33 डॉलर प्रति औंस के अहम लेवल पर बनी हुई है और टेक्निकल इंडिकेटर्स से संकेत मिल रहा है कि इसमें और तेजी देखने को मिल सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति औंस चांदी की कीमत आने वाले समय में 36.60 डॉलर, 38.70 डॉलर और 39.30 डॉलर तक पहुंच सकती है

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