नई दिल्ली. सीएनएन-न्यूज़18 शी शक्ति सुरक्षा सर्वेक्षण 2025 में शामिल 87% महिलाओं ने बताया कि उनके कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न रोकथाम (POSH) उपायों का प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन हो रहा है, जो इन उपायों के प्रभाव में मजबूत विश्वास को दर्शाता है. हालांकि, 2% महिलाओं का मानना है कि ये उपाय प्रभावी नहीं हैं, जो ध्यान देने योग्य कमियों को उजागर करता है.
सीएनएन-न्यूज़18 शी शक्ति सुरक्षा सर्वेक्षण 2025, जो पीवैल्यू द्वारा आयोजित किया गया, विभिन्न मापदंडों के आधार पर महिलाओं की सुरक्षा धारणाओं को मापने का लक्ष्य रखता है. यह सर्वेक्षण इस बात का महत्वपूर्ण मूल्यांकन करता है कि महिलाएं अपने घरों, पड़ोस, शैक्षणिक संस्थानों, कार्यस्थलों और सामाजिक परिवेश में कितना सुरक्षित महसूस करती हैं.यह नीति निर्माताओं को उन सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करने में मार्गदर्शन करना चाहता है जो महिलाओं की शिक्षा, गतिशीलता, आर्थिक भागीदारी और समग्र नागरिकता अधिकारों को प्रभावित करती हैं.सर्वेक्षण का उद्देश्य तात्कालिक सुरक्षा चिंताओं से परे महिलाओं की सुरक्षा धारणाओं में दीर्घकालिक प्रगति को ट्रैक करना भी है.
कंप्यूटर-सहायता प्राप्त टेलीफोन साक्षात्कार (CATI) के माध्यम से प्रति शहर 8000 महिलाओं के नमूने के साथ आयोजित यह शोध शुरू में 20 शहरों में किया गया और आने वाले वर्षों में 100 शहरों तक विस्तारित होगा. व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए डेटा 10 भारतीय भाषाओं में एकत्र किया गया.
आयु, शिक्षा स्तर, वैवाहिक स्थिति और घरेलू आय जैसे जनसांख्यिकीय चरों को शामिल किया गया ताकि एक अंतरसांख्यिकीय विश्लेषण संभव हो सके. यह दृष्टिकोण स्वीकार करता है कि महिलाओं के सुरक्षा अनुभव उनके सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत संदर्भों से प्रभावित होते हैं, जिससे उनकी चुनौतियों की गहरी समझ मिलती है.
जब विश्व 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाता है, शी शक्ति सुरक्षा सर्वेक्षण 2025 महिलाओं की सुरक्षा धारणाओं में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है और भारत में महिलाओं के लिए सुरक्षा और समावेशिता बढ़ाने के लिए लक्षित हस्तक्षेपों के क्षेत्रों को उजागर करता है