नई दिल्ली. शेयर बाजार में भारी गिरावट और प्रॉपर्टी के स्थिर कीमतों को देखकर अब लोग रिटर्न के लिए सोने की ओर देख रहे हैं. वैसे तो सोना हमेशा से निवेश का सबसे अच्छा माध्यम रहा है लेकिन आने वाले समय में इसकी वैल्यू और बढ़ सकती है. खुद देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार ऐसा मानते हैं. वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि आने वाले वर्षों में एसेट क्लास के रूप में सोने की प्रासंगिकता बढ़ेगी. उन्होंने आईजीपीसी – आईआईएमए वार्षिक स्वर्ण और स्वर्ण बाजार सम्मेलन 2025 में कहा कि सोना न केवल मूल्य के रूप में, सांस्कृतिक और धार्मिक उद्देश्यों के रूप में, बल्कि अहम पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई सिस्टम के रूप में भी प्रासंगिक बना रहेगा.उन्होंने कहा कि जब तक कि दुनिया मौजूदा अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक गैर-प्रणाली से अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली तक पहुंचने में सक्षम नहीं हो जाती, तब तक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में सोने का महत्व बना रहेगा2 साल से डबल डिजिट रिटर्न
पिछले तीन महीनों में सोने का मूल्य 200 डॉलर प्रति औंस या आठ प्रतिशत से अधिक बढ़कर 2,860 डॉलर प्रति औंस हो गया है. नागेश्वरन ने यह भी उम्मीद जताई कि भारत अपने पास मौजूद सोने की परिसंपत्तियों को उत्पादक रूप से उपयोग करने के तरीके खोजेगा.
2025 में भी बढ़ेंगे भाव
2023 और 2024 में सोने की कीमतों में वृद्धि जारी रही. खास बात है कि इन दोनों वर्षों में गोल्ड ने डबल डिजिट ग्रोथ दिखाई. 2023 में जहां 13% तो 2024 में गोल्ड ने 27% का रिटर्न दिया. कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट्स के जानकारों की मानें तो 2025 में गोल्ड का यह जबरदस्त परफॉर्मेंस अच्छा रह सकता है.
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस यूबीएस ने दावा किया है कि 2025 के आखिरी तक सोने के दाम 2900 डॉलर प्रति औंस तक जा सकते हैं, जबकि गोल्डमैन सेस और सिटी ग्रुप ने कहा कि यह आंकड़ा 3000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है.