अररिया – अररिया जिले के ग्रामीण इलाकों में बकरी पालन बड़े पैमाने पर किया जाता है. यह पशुपालकों के लिए एक बेहतरीन व्यवसायिक विकल्प माना जाता है, क्योंकि इसमें कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। इसे ‘गरीबों का एटीएम’ भी कहा जाता है, क्योंकि हाट बाजार में बकरियों की खरीद-बिक्री आसानी से की जा सकती है. पशुपालक बकरियों को बेचकर या उनके दूध का उत्पादन करके अच्छा लाभ अर्जित कर सकते हैं.
15 बकरियों से की शुरुआत
अररिया जिले के भरगामा प्रखंड के मल्लवपट्टी गांव के रहने वाले चरितर मुखिया पिछले पांच वर्षों से बकरी पालन कर रहे हैं. उन्होंने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि इस व्यवसाय को कम लागत में आसानी से शुरू किया जा सकता है. उन्होंने 15 बकरियों के साथ इसकी शुरुआत की और अब अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
एक सीजन में दोगुनी हो जाती हैं बकरियां
चरितर मुखिया के अनुसार, एक बकरी एक सीजन में दो बच्चे देती है. जब ये बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो उन्हें 8,000 से 10,000 रुपये प्रति बकरी के हिसाब से बेचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय से वे सालाना एक लाख रुपये से अधिक की कमाई कर लेते हैं.बकरी के दूध की भी है भारी मांगबकरी पालन से सिर्फ मांस ही नहीं, बल्कि दूध की आपूर्ति भी की जा सकती है. चरितर मुखिया ने बताया कि बकरी के दूध की काफी मांग होती है, खासकर बच्चों के लिए यह बहुत फायदेमंद माना जाता है.बकरी पालन से हो रही अच्छी कमाईबकरी पालन करने वाले चरितर मुखिया ने कहा कि सीजन में वे एक लाख रुपये तक की आमदनी कर लेते हैं. उन्होंने अन्य ग्रामीणों को भी इस व्यवसाय से जुड़ने की सलाह दी, ताकि वे भी कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकें