INDIAN ARMY DRONE: भारतीय सेना अपनी ड्रोन फार्स को बड़ी तेजी से आगे बढ़ाने के काम में जुट गई है. आज के आधुनिक दौर में ड्रोन सबसे आसान और कारगर हथियार बन कर उभरा है. सीमा की सुरक्षा निगरानी में ड्रोन के चलते आसानी हो गई है. इसी के चलते भारतीय सेना ने 400 नए मिनी यूएवी खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है. खास बात तो यह है कि यह मिनी यूएवी वेस्टर्न फ्रंट यानी पाकिस्तान को ध्यान में रखकर खरीदे जा रहे हैं. सेना ने रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन जारी की है. इस RFI में सेना ने स्वदेशी कंपनियों को अपनी जरूरतों को बताया है. पाकिस्तान सीमा पर ऑपरेट करने के लिये खास 400 मिनी यूएवी की सेना खरीद करने जा रही है.यूएवी से लॉंच किए जाएगे लॉयटरिंग म्यूनिशनभारतीय सेना के ऐसे यूएवी चाहिए जो कि 5000 मीटर तक के पहाड़ी इलाको में आसानी से ऑपरेट किए जा सके. दिन और रात में एक जैसे काम कर सके. -30 से 50 डिग्री तक के तापमान में सटीक काम को अंजाम देने की क्षमता हो. समतल मैदानी इलाकों. रेगिस्तान और पहाड़ी इलाकों में 5000 मीटर तक आसानी से उड़ान भर सके. तकनीक की लगातर बदलाव के मद्देनजर भविष्य में थोड़े बदलाव आसानी से अपग्रेड किए जा सके. अधिकतम पेलोड से साथ 1000 मीटर उंचाई पर 10 किलोमीटर दूर कम से कम 2 घंटे उड़ान भर सके. लॉयटरिंग म्युनिशन के साथ 3000 मीटर की ऊंचाई पर एक घंटा कम से कम होनी चाहिए. इस मिनी यूएवी में बैटल फील्ड की रियल टाइम डेटा रिले करने और हर तरह के मिलिट्री मैप का इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया गया हो. एरियल वेहिकल प्लेटफार्म जिसमें मैन पोर्टेबल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन, लॉंच एंड रिकवरी सिस्टम और रिमोट वीडियो टर्मिनल होने जरूरी है.कलर डे विडियो कैमरा, मोनोक्रोमेटिक नाइट थर्मल कैमरा और एयर बोर्न डाटा रिले के साथ 35 किलो से ज्यादा वजन नहीं होना चाहिए.1000 सर्वेलॉंस कॉप्टर लेने हैं सेना कोसेना ने 1000 निगरानी कॉप्टर की खरीद की प्रक्रिया भी शुरू की है. इसके लिए जारी की गए RFI में साफ कहा गया है कि कॉप्टर हाई एल्टिट्यूड के इलाके में 5500 मीटर की उंचाई पर आसाना से ऑपरेट किए जा सकें. तापमान -30 से 30 डिग्री में हर पार्ट अच्छे से काम कर सके. इसके अलवा कलर डे विडियो कैमरा, मोनोक्रोमेटिक नाइट थर्मल सैंसर से लैस हो. 1000 मीटर दूर से किसी भी गाड़ी और 400 मीटर दूर से किसी भी इंसान को आसान से डिटेक्ट कर सके. सबसे खास बात तो यह है कि जो भी ड्रोन या यूएवी की खरीद सेना कर रही है, उनमें चीनी पार्ट हुए तो वह रेस से बाहर हो जाएगा.