नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की तीन दिन की बैठक सोमवार (7 अप्रैल) से शुरू होगी. बैठक के बाद कमिटी के अध्यक्ष और आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा बुधवार (9 अप्रैल) को रेपो रेट पर फैसले की जानकारी देंगे. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि आरबीआई रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है. महंगाई में कमी से आरबीआई के पास ब्याज दर में कटौती की गुंजाइश है.फरवरी में गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली आरबीआई की एमपीसी ने रेपो दर को 0.25 फीसदी घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया था. यह मई, 2020 के बाद रेपो दर में पहली कटौती और ढाई साल के बाद पहला बदलाव था. आरबीआई ने फरवरी, 2023 से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर यथावत रखा था. पिछली बार आरबीआई ने कोविड के समय (मई, 2020) रेपो रेट में कमी की थी और उसके बाद इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया गया था.रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की उम्मीदबैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा, ‘‘इस हफ्ते ऐलान की जाने वाली पॉलिसी ऐसे समय में आएगी जब पूरी दुनिया और इकोनॉमी के भीतर कई चीजें घटित हो रही हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से ग्रोथ की संभावनाओं और करेंसी पर कुछ असर पड़ेगा, जिस पर एमपीसी को इकोनॉमी की कंडीशन के सामान्य आकलन से परे विचार करना होगा. हालांकि लगता है कि महंगाई की संभावनाएं नरम होने और लिक्विडिटी के स्थिर होने के साथ इस बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती हो सकती है. यह भी उम्मीद है कि आरबीआई अपने रुख को ज्यादा उदार करेगा, जिसका मतलब होगा कि इस साल के दौरान रेट्स में और कटौती होगी.’’9 अप्रैल से लागू होगा ट्रंप का टैरिफअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत और चीन सहित लगभग 60 देशों पर 11 से लेकर 49 फीसदी तक का जवाबी टैरिफ लगाया है, जो 9 अप्रैल से लागू होगा.सीआरआर में कटौती की उम्मीद नहींरेटिंग एजेंसी इक्रा को भी उम्मीद है कि एमपीसी अपनी आगामी बैठक में न्यूट्रल रुख बनाए रखते हुए रेपो दर में 0.25 फीसदी की कटौती करेगी. इक्रा ने कहा, ‘‘हमें एमपीसी बैठक में सीआरआर में कटौती जैसी किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद नहीं है.’’रेपो रेट को 6 फीसदी पर लाए जाने की उम्मीदसिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई की ओर से खपत को बढ़ावा देने और इकोनॉमिक ग्रोथ को गति देने के लिए रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर इसे 6 फीसदी पर लाए जाने की उम्मीद है.इस बीच, इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम ने सुझाव दिया है कि एमपीसी को आगामी मॉनेटरी पॉलिसी में मौजूदा स्थिति में रेट में कटौती करने के बजाय ‘देखो और इंतजार करो’ का रुख अपनाना चाहिए. एसोचैम के प्रेसिडेंट संजय नायर ने कहा, ‘‘आरबीआई ने हाल ही में अलग-अलग उपायों के जरिए बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाई है. हमें इन उपायों के कैपेक्स ग्रोथ और खपत पर असर तक धैर्य रखना होगा. हमारा मानना है कि आरबीआई इस पॉलिसी साइकिल के दौरान रेपो रेट को स्थिर रखेगा.’’