बांग्‍लादेश में मोहम्‍मद यूनुस के खिलाफ तेज हुई मुहिम, बस एक ही मांग, क्‍या सुधर जाएंगे हालात, BNP की बड़ी प्‍लानिंग

प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका यात्रा में त्रिंकोमाली को ऊर्जा हब बनाने के लिए भारत, श्रीलंका और यूएई के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ है. इसे पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा…और पढ़ेंFollow us on Google NewsAdvertisementश्रीलंका में PM मोदी ने खास दोस्त के जरिए खेला खेल, सकते में आ गया ड्रैगनपीएम मोदी दो दिवसीय श्रीलंका दौरे पर हैं.हाइलाइट्सप्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका में त्रिपक्षीय समझौता किया.त्रिंकोमाली को ऊर्जा हब बनाने के लिए भारत, श्रीलंका और यूएई का समझौता.भारत की रणनीति से चीन के प्रभाव को रोकने की कोशिश.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय श्रीलंका दौरे पर हैं. यह उनकी चौथी श्रीलंका यात्रा है. इस दौरान एक बड़ा कदम उठाया गया है, जिसे चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. इस यात्रा में भारत, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ है, जिसके तहत श्रीलंका के त्रिंकोमाली जिले को ऊर्जा हब के रूप में विकसित किया जाएगा. यह जिला श्रीलंका के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है. एक तमिल बहुल इलाका है. इस प्रोजेक्ट में एक मल्टी-प्रोडक्ट पाइपलाइन भी शामिल होगी, जिससे श्रीलंका के सभी लोगों को फायदा पहुंचेगा. इससे पहले पीएम मोदी ने 2019 में श्रीलंका का दौरा किया था.त्रिंकोमाली का महत्व भारत के लिए बहुत ज्यादा है. यहां का नेचुरल बंदरगाह और ऊर्जा सुविधाएं इसे रणनीतिक रूप से अहम बनाती है. भारत का मानना है कि यहां उसकी मजबूत मौजूदगी से वह उत्तर-पूर्वी हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ा सकता है. यह कदम इसलिए भी जरूरी हो गया था क्योंकि हाल ही में श्रीलंका ने चीन की तेल कंपनी सिनोपेक से 3.7 अरब डॉलर का निवेश हासिल किया है. यह निवेश श्रीलंका के दक्षिणी हिस्से में हंबनटोटा में तेल रिफाइनरी के लिए है और यह देश में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश है. चीन पहले भी श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों, खासकर जाफना प्रायद्वीप के पास के द्वीपों में ऊर्जा परियोजनाओं की संभावनाएं तलाश चुका है. ऐसे में भारत के लिए यह जरूरी हो गया था कि वह चीन को इन इलाकों में पैर जमाने से रोके.टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस समझौते के तहत भारत पहले से ही त्रिंकोमाली के कुछ तेल टैंक फार्म्स को विकसित करने के लिए श्रीलंका के साथ काम कर रहा है. अब नए समझौते से और ज्यादा विकास की राह खुलेगी. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि यह ऊर्जा हब श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा, लोगों को सस्ती दरों पर ऊर्जा उपलब्ध कराएगा और ऊर्जा निर्यात के जरिए देश की आय भी बढ़ा सकता है.संबंधित खबरेंदोस्‍त के घर दुश्मन न बैठ जाए, श्रीलंका पहुंचे PM मोदी करने जा रहे ऐसा इंतजामदोस्‍त के घर दुश्मन न बैठ जाए, श्रीलंका पहुंचे PM मोदी करने जा रहे ऐसा इंतजामसेरेमोनियल ऑनर, मित्र विभूषण…श्रीलंका में मोदी को सम्मान, आप भी करेंगे गर्वसेरेमोनियल ऑनर, मित्र विभूषण…श्रीलंका में मोदी को सम्मान, आप भी करेंगे गर्व10 साल में 4 बार श्रीलंका क्यों गए मोदी, वजह चीन या कुछ और…जानिए अंदर की बात10 साल में 4 बार श्रीलंका क्यों गए मोदी, वजह चीन या कुछ और…जानिए अंदर की बातश्रीलंका में भारत का यह ‘एनर्जी दांव’ चीन के लिए साबित होगा धोबी पछाड़श्रीलंका में भारत का यह ‘एनर्जी दांव’ चीन के लिए साबित होगा धोबी पछाड़भारत की स्मार्ट रणनीतिइस प्रोजेक्ट में यूएई को शामिल करना भी भारत की स्मार्ट रणनीति का हिस्सा है. यूएई भारत का एक बड़ा रणनीतिक और ऊर्जा साझेदार है. दोनों देशों ने 2018 में तीसरे देशों में संयुक्त विकास परियोजनाओं पर काम करने का फैसला किया था और यह प्रोजेक्ट उसी दिशा में एक कदम है. हालांकि, यूएई की इस प्रोजेक्ट में सटीक भूमिका अभी स्पष्ट नहीं है. विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि यूएई की भागीदारी के बारे में विस्तार से जानकारी तब सामने आएगी, जब इस समझौते के तहत बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) चर्चाएं शुरू होंगी. उन्होंने यह भी बताया कि अगला कदम होगा इस प्रोजेक्ट के लिए खास एजेंसियों और संस्थाओं को चुनना. ये सरकारी संस्थाएं हो सकती हैं, निजी क्षेत्र की कंपनियां हो सकती हैं या फिर सरकार से जुड़े हुए संगठन हो सकते हैं. ये संस्थाएं मिलकर इस समझौते को जमीन पर उतारने का काम करेंगी.यह कदम न सिर्फ श्रीलंका के लिए फायदेमंद है, बल्कि भारत के लिए भी एक बड़ी रणनीतिक जीत है. चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत लगातार अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते मजबूत कर रहा है. त्रिंकोमाली प्रोजेक्ट से भारत न केवल श्रीलंका में अपनी स्थिति मजबूत करेगा, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भी अपनी पकड़ को और सशक्त बनाएगा. पीएम मोदी का यह मास्टर स्ट्रोक न सिर्फ श्रीलंका, बल्कि पूरे क्षेत्र में भारत की ताकत को दिखाता है.टॉप वीडियोसभी देखेंtags :Pm modi newsLocation :All IndiaFirst Published :April 06, 2025, 06:41 ISThomeworldश्रीलंका में PM मोदी ने खास दोस्त के जरिए खेला खेल, सकते में आ गया ड्रैगनnext articleअमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन, सभी 50 राज्यों में लाखों लोगों ने बताया ‘तानाशाह’, इसलिए भड़के लोगEdited by:योगेंद्र Trump Protest: डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के खिलाफ अमेरिका के 50 राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए. ‘हैंड्स ऑफ’ मूवमेंट की ओर से आयोजित इन प्रदर्शनों में अरबपतियों के प्रभाव, सामाजिक योजनाओं मे…और पढ़ेंFollow us on Google Newsडोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन, सभी 50 राज्यों में लाखों लोग सड़कों पर उतरेट्रंप के विरोध में प्रदर्शन. (Reuters)हाइलाइट्सअमेरिका के 50 राज्यों में ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन हुएप्रदर्शन में ट्रंप को तानाशाह बताया गयाप्रदर्शनकारियों ने सामाजिक योजनाओं में कटौती का विरोध कियावॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में आए अभी तीन महीने भी ठीक से नहीं हुए हैं, लेकिन उन्होंने अपने फैसलों से अमेरिकी जनता को नाराज कर दिया है. स्थिति अब ऐसी है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क के खिलाफ अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. अमेरिका के सभी 50 राज्यों में लाखों लोगों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. एक लोकतंत्र समर्थक मूवमेंट ‘हैंड्स ऑफ’ ने इसे आयोजित किया था. वह ट्रंप और मस्क को अमेरिकी अधिकारों और स्वतंत्रता पर शत्रुतापूर्ण कब्जा और हमला करार देता है. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक हैंड्स ऑफ आंदोलन के तहत पूरे देश के राज्यों में 1400 से ज्यादा विरोध प्रदर्शन देखा गया. ये प्रदर्शन राज्यों की राजधानियों, संघीय इमारतों, कांग्रेस कार्यालयों, सोशल सिक्योरिटी मुख्यालय, पार्कों और सिटी हॉल में आयोजित किए गए.आयोजकों का कहना है कि अरबपतियों ने सत्ता को हड़प लिया है और इसे खत्म करने के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की ओर से तीन मुख्य मांग की गई है. पहला ट्रंप प्रशासन में अरबपतियों के कब्जे और भ्रष्टाचार को खत्म करना. दूसरा मेडिकेड, सोशल सिक्योरिटी जैसे जरूरी कार्यक्रमों में संघीय फंड की कटौती को रोकना. और तीसरा आप्रवासियों, ट्रांसजेंडर समुदायों व अन्य समूहों पर हमलों को रोकना.ट्रंप के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन. (Reuters)ट्रंप को बताया तानाशाहइस प्रदर्शन में लगभग 6 लाख लोगों ने हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. कुछ प्रदर्शन लंदन और पेरिस जैसे शहरों में भी हुए थे. डेमोक्रेटिक सांसद जेमी रास्किन और भारत के खिलाफ जहर उगलने वाली इल्हान उमर ने भी इसमें हिस्सा लिया. उन्होंने ट्रंप की नीतियों की सख्त आलोचना की. जेमी रास्किन ने कहा, ‘हमारे संविधान की शुरुआत ‘हम तानाशाह’ से नहीं बल्कि ‘हम लोग’ से होती है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘कोई भी नैतिक व्यक्ति ऐसा अर्थव्यवस्था-संकटग्रस्त तानाशाह नहीं चाहता जो हर चीज की कीमत जानता हो और किसी चीज की वैल्यू नहीं जानता हो.’अमेरिका में हो रहा प्रदर्शन. (Reuters)संबंधित खबरें500 परसेंट टैरिफ लगाएंगे! अमेरिका इस देश पर कर रहा बड़े एक्शन की तैयारी500 परसेंट टैरिफ लगाएंगे! अमेरिका इस देश पर कर रहा बड़े एक्शन की तैयारीअमेरिका की हर बीमारी का इलाज करेगी हमारी फार्मा कंपनियां, नहीं लगाया टैरिफअमेरिका की हर बीमारी का इलाज करेगी हमारी फार्मा कंपनियां, नहीं लगाया टैरिफTrump Tariff Video: डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का भारत पर क्या असर होगा, ग्राउंड जीरो से जानिएTrump Tariff Video: डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का भारत पर क्या असर होगा, ग्राउंड जीरो से जानिएट्रंप ने भारत के साथ कर दिया खेल, 26 दिखाकर 27 परसेंट लगा दिया टैरिफट्रंप ने भारत के साथ कर दिया खेल, 26 दिखाकर 27 परसेंट लगा दिया टैरिफट्रंप की नीतियों से परेशान हैं लोगट्रंप के सत्ता में आने के बाद से ही उनका प्रशासन संघीय खर्च में कटौती को लेकर मुखर रहा है, भले ही इससे किसी को भी नुकसान हो. खर्चे कम करने के लिए हजारों संघीय कर्मचारियों को निकाल दिया गया है. इसके अलावा टैरिफ बढ़ाएंगे, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं पर दबाव पड़ेगा. प्रदर्शनकारी इन्हीं नीतियों से नाराज हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 1 फीसदी अमीरों को छोड़कर सभी को निशाना बनाया जा रहा है, चाहे वे पूर्व सैनिक हों, बच्चे, बुजुर्ग, किसान, आप्रवासी या ट्रांसजेंडर लोग. वाइट हाउस ने अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है.टॉप वीडियोसभी देखेंtags :डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन, सभी 50 राज्यों में लाखों लोग सड़कों पर उतरेnext articleऔर कितना गिरेगा बांग्लादेश! PM मोदी को लेकर फैला रहा सफेद झूठ, क्या यूनुस के इशारे पर ये सब हो रहा?Written by:Rakesh Ranjan KumarAgency:एजेंसियांLast Updated:April 06, 2025, 02:05 ISTPM Modi Muhammad Yunus: पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की मुलाकात के बाद भारत-बांग्लादेश रिश्तों में सुधार की उम्मीद थी, लेकिन बांग्लादेश के बयान से अड़चन आई. बांग्लादेश ने पीएम मोदी के बयानों को गलत तरीके…और पढ़ेंFollow us on Google Newsऔर कितना गिरेगा बांग्लादेश! PM मोदी को लेकर फैला रहा सफेद झूठबैंकॉक में 4 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी और मोहम्मद यूनुस की मुलाकात हुई थी. (रॉयटर्स)हाइलाइट्सबांग्लादेश ने पीएम मोदी के बयानों को गलत तरीके से पेश किया.यूनुस और मोदी की बैठक पर बांग्लादेश का बयान ‘शरारतपूर्ण’ बताया गया.पीएम मोदी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताई.कोलंबो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहम्मद यूनुस की हाल ही में हुई मुलाकात के बाद ये लग रहा था कि भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में जो गिरावट आई है, वो अब पटरी पर लौट आएगी. लेकिन इसमें खुद बांग्लादेश ने फिर से अड़चन डाल दी है. उसने पीएम मोदी और यूनुस की मुलाकात को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसका सच्चाई से दूर तक कोई वास्ता ही नहीं. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या ये सब मोहम्मद यूनुस के इशारे पर हो रहा है?बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बैंकॉक में हुई बैठक के संबंध में बांग्लादेश की ओर से जारी बयान ‘शरारतपूर्ण और राजनीति से प्रेरित’ हैं, विशेष रूप से पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए ढाका के अनुरोध से संबंधित पहलू पर. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने शनिवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बैंकॉक में हुई बैठक में पीएम मोदी के समक्ष हसीना के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश के अनुरोध को उठाया और ‘प्रतिक्रिया नकारात्मक नहीं थी.’ सूत्रों ने बैठक पर ढाका के आधिकारिक बयान और आलम के फेसबुक पोस्ट को लेकर कहा कि यूनुस और पिछली बांग्लादेश सरकार के साथ संबंधों के बारे में भारतीय प्रधानमंत्री की टिप्पणियों का वर्णन ‘गलत’ था.संबंधित खबरेंबांग्लादेश की मुराद पूरी, PM मोदी से मिल ही लिए यूनुस, क्यों खास है मुलाकात?बांग्लादेश की मुराद पूरी, PM मोदी से मिल ही लिए यूनुस, क्यों खास है मुलाकात?मोहम्मद यूनुस ने जो ‘खलिश’ पैदा की, उसकी तपिश PM मोदी से मुलाकात में भी दिखीमोहम्मद यूनुस ने जो ‘खलिश’ पैदा की, उसकी तपिश PM मोदी से मुलाकात में भी दिखीBIMSTEC के मंच पर बैठे PM मोदी और यूनुस, चेहरा बता रहा कोई ‘खलिश’ तो जरूर है!BIMSTEC के मंच पर बैठे PM मोदी और यूनुस, चेहरा बता रहा कोई ‘खलिश’ तो जरूर है!PM मोदी-यूनुस मुलाकात पर बांग्‍लादेश का गड़बड़झाला, अपने ही लोगों को बरगला रहाPM मोदी-यूनुस मुलाकात पर बांग्‍लादेश का गड़बड़झाला, अपने ही लोगों को बरगला रहाअपने पोस्ट में आलम ने दावा किया कि पीएम मोदी ने कहा था, “हमने आपके (यूनुस) प्रति उनका (हसीना का) अपमानजनक व्यवहार देखा.” सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने यूनुस द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी थी कि इन मुद्दों पर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा अच्छी चर्चा की जा सकती है. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की चर्चा की.सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसी भी लोकतंत्र में चुनावों के महत्व का भी उल्लेख किया और कहा कि इस संबंध में निरंतर विलंब से मुख्य सलाहकार की छवि को नुकसान पहुंचेगा. पिछले साल बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा हसीना के प्रत्यर्पण के लिए किए गए अनुरोध पर नयी दिल्ली ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.पिछले साल अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन के कारण हसीना बांग्लादेश से भारत आ गई थीं और तब से यहीं रह रही हैं. बैंकॉक में शुक्रवार को हुई बैठक में पीएम मोदी ने यूनुस को बांग्लादेश के हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के बारे में भारत की गहरी चिंताओं से अवगत कराया था.टॉप वीडियोसभी देखेंtags :BangladeshNarendra modiSheikh hasinaLocation :New Delhi,DelhiFirst Published :April 06, 2025, 02:05 ISThomeworldऔर कितना गिरेगा बांग्लादेश! PM मोदी को लेकर फैला रहा सफेद झूठnext articleबांग्‍लादेश में मोहम्‍मद यूनुस के खिलाफ तेज हुई मुहिम, बस एक ही मांग, क्‍या सुधर जाएंगे हालात, BNP की बड़ी बांग्‍लादेश में हालात सुधरने के बाजाय और बिगड़ रहे हैं. अब राजनीतिक हलकों से चुनाव कराने को लेकर आवाज और मुखर होने लगी है. मोहम्‍मद यूनुस पर दबाव बढ़ रहा है.Follow us on Google Newsबांग्‍लादेश में मोहम्‍मद यूनुस के खिलाफ तेज हुई मुहिम, बस एक ही मांगबांग्‍लादेश में चुनाव कराने को लेकर मोहम्‍मद यूनुस पर बढ़ रहा है दबाव.ढाका. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) राष्ट्रीय चुनाव के लिए स्पष्ट रोडमैप तय करने में अंतरिम सरकार की नाकामी को उजागर करने के लिए सहयोगियों के साथ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने पर विचार कर रही है. बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूएनबी ने शनिवार को बताया कि पार्टी ढाका में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रैली आयोजित करेगी और अंतरिम सरकार को चुनाव की तारीख की घोषणा करने के लिए समय सीमा तय करेगी. रैलियों का सिलसिला मई तक जारी रहेगा.25 मार्च को राष्ट्र के नाम टेलीविजन संबोधन में यूनुस ने कहा था कि चुनाव दिसंबर 2025 और जून 2026 के बीच होंगे. उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति आयोग सभी राजनीतिक दलों से सुधारों पर सक्रिय रूप से राय एकत्र कर रहा है. बीएनपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अंतरिम सरकार का कार्यकाल बढ़ाने और चुनाव में देरी करने का जानबूझकर प्रयास किया जा रहा है. पार्टी ने चेतावनी दी कि अगर दिसंबर तक चुनाव नहीं हुए तो लोगों में अस्थिरता और तीव्र आक्रोश पैदा हो सकता है.बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने यूनुस के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘मैं बहुत निराश हूं कि मुख्य सलाहकार ने 25 मार्च को अपने भाषण में स्पष्ट चुनाव रोडमैप का उल्लेख नहीं किया. मेरा मानना है कि चुनाव रोडमैप का अभाव सरकार की राजनीतिक अनुभवहीनता को दर्शाता है.’फरवरी में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर बांग्लादेश में अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा था, ‘पिछले कुछ समय से हम इस बात पर चिंता जता रहे हैं कि सरकार के कुछ अधिकारी लोगों के अधिकारों की बहाली के बारे में विरोधाभासी टिप्पणियां कर रहे हैं. इसके चलते विभिन्न क्षेत्रों में अशांति फैल गई है.’बांग्लादेश में राजनीतिक संगठनों की बहुचर्चित एकता जो अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित अवामी लीग सरकार को हटाने के दौरान पूरी तरह से प्रदर्शित हुई थी, अब धीरे-धीरे फीकी पड़ रही है. पिछले सात महीनों में देश के संकट में फंसने के साथ कई राजनीतिक नेता जो पहले यूनुस का समर्थन करते थे अब उनकी खुलकर आलोचना कर रहे हैं. खासकर राष्ट्रीय चुनाव कराने में हुई लंबी देरी को लेकर.

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