सिंगरौली जिले के बंधा कोल ब्लॉक का मामला
स्टारटेक मिनरल रिसोर्स कंपन को मिला है कोल ब्लॉ tvक
सिंगरौली जिले में जिस तरह कोयले के खनन के लिए लगातार कोल ब्लॉक के लिए कंपनियां काम आगे बढ़ा रही हैं वो प्रशासन के साथ मिलकर विस्थापित हो रहे ग्रामीणों के हकों को मारने का काम कर नियमों के विपरीत अधिग्रहण की कार्यवाही को अंजाम दिला रहे हैं उसी की वजह से विस्थापित ग्रामीण न्यायालय की शरण ले रहे हैं और न्यायालय इन मामलों पर विस्थापितो के पक्ष में न्याय संगत आदेश जारी कर कोल ब्लॉक अधिग्रहण पर रोक लगा रही है ताजा मामला देवरी निवासी ललन गोंड बनाम भारत संघ और अन्य के याचिका क्रमांक 9390/2025 से जुड़ा है जिसमे माननीय उच्च न्यायालय ने इस कोल ब्लॉक के लिए की जा रही अधिग्रहण कार्यवाही पर रोक आदेश जारी किया है
इस याचिका की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ब्रह्मेन्द्र पाठक ने बताया कि ललन गोंड मामले में माननीय न्यायालय ने माना है कि सिंगरौली जिला कोयला धारक छेत्र की सूची के अंतर्गत आता है जहाँ कोयले के खनन के लिए भूमि का अधिग्रहण कोयला धारक छेत्र अधिनियम 1957 के तहत किया जाना चाहिए जबकि इस अधिग्रहण में कंपनी और प्रशासन भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का पालन कर रही है जो गलत है इस कारण माननीय उच्च न्यायालय ने उक्त कोल ब्लॉक के अधिग्रहण पर रोक लगा दिया है
रिपोर्ट : रमेश पाठक