हाइलाइट्सफरवरी में 27 तारीख से पंचक शुरू होगा।अग्नि पंचक में नए कार्य की शुरुआत न करें।पंचक में दक्षिण दिशा की यात्रा से बचें।देवघर. शास्त्र के अनुसार हर महीने के पांच दिन ऐसे होते हैं, जो बेहद अशुभ होते हैं. यानी इन पांच दिनों में कई ऐसे कार्य होते हैं जो बिल्कुल मनाही होती है. यानी वर्जित माना जाता है. क्योंकि हर महीने पंचक पड़ता है और पंचक अशुभ होता है. पंचक के दिनों में मांगलिक कार्य की शुरुआत बिल्कुल नहीं करनी चाहिए, नहीं तो उसका प्रभाव नकरात्मक पड़ता है. वहीं फरवरी के महीने में कब से पंचक की शुरुआत हो रही है. पंचक के दिनों में क्या नहीं करनी चाहिए, जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से?
आज का पंचांग, 16 फरवरी 2025: रविवार को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बने हैं. इस दिन फाल्गुन कृष्ण चतुर्थी तिथि, हस्त नक्षत्र, धृति योग, बव करण, पश्चिम का दिशाशूल और कन्या राशि का चंद्रमा है. द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखकर गणेश जी और चंद्र देव की पूजा करते हैं. गणपति पूजा सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग में है. गणेश जी को अक्षत्, चंदन, फूल, फल, दूर्वा, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें. मोदक या लड्डू का भोग लगाएं. द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की व्रत कथा सुनें और पूजा का समापन गणेश जी की आरती से करें. रात के समय में चंद्रोदय होने पर जल में कच्चा दूध और सफेद फूल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. फिर पारण करके व्रत को पूरा करें.द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी को रविवार व्रत भी है. सुबह में स्नान करने के बाद सूर्य देव का जल चढाएं. उस जल में गुड़, लाल फूल और लाल चंदन मिला लेना चाहिए. सूर्य को जल देते समय उनके किसी एक मंत्र का उच्चारण करें. उसके बाद गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं. यदि रविवार व्रत रखते हैं तो आपको नमक से परहेज करना है. शाम के समय में मीठा भोजन करें. यदि कुंडली में सूर्य को मजबूत करना है तो अपने पिता का सम्मान करें और रोज सेवा करें. इसके अलावा रविवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनें. लाल कपड़ा, केसर, लाल रंग के फल, फूल, गुड़, घी, सोना, तांबे के बर्तन आदि का दान करें. पंचांग से जानते हैं संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त, चौघड़िया समय, सूर्योदय, चंद्रोदय, राहुकाल, दिशाशूल आदि.आज का पंचांग, 16 फरवरी 2025आज की तिथि- चतुर्थी – 02:15 ए एम, फरवरी 17 तक, फिर पंचमीआज का नक्षत्र- हस्त – 04:31 ए एम, फरवरी 17 तक, उसके बाद चित्राआज का करण- बव – 01:01 पी एम तक, बालव – 02:15 ए एम, फरवरी 17 तक, फिर कौलवआज का योग- धृति – 08:06 ए एम तक, उसके बाद शूलआज का पक्ष- कृष्णआज का दिन- रविवारचंद्र राशि- कन्या