पटना. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई ने आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर विजेंद्र को उनके सहयोगी दिनेश कुमार अग्रवाल के साथ गिरफ्तार कर लिया है. विजेंद्र पर आयकर निर्धारण की फेसलेस योजना को विफल करने का आरोप है. आरोप के अनुसार आरोपियों ने योजना से संबंधित गोपनीय जानकारी जुटाई और रिश्वत ली. बता दें कि इसी क्रम में सीबीआई ने 6 फरवरी 2025 को इस मामले में दिल्ली, मुंबई, ठाणे, पश्चिम चंपारण, बेंगलुरु और केरल में छापेमारी की थी. यहां यह भी बता दें की दिनेश कुमार अग्रवाल वाल्मीकि नगर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं.मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआई की रेड के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, रिश्वत के प्रमाण और कुछ डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी मिले थे. बताया जाता है कि सीबीआई ने इसको लेकर आयकर विभाग से मिली शिकायत के आधार पर जांच शुरू की थी और साक्ष्य मिलने पर आयकर विभाग के उपाय एक उप आयुक्त, दो इंस्पेक्टर, 5 चार्टर्ड अकाउंटेंट और एक निजी व्यक्ति के साथ अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था.इसके बाद देश के विभिन्न राज्यों के कई शहरों में छापेमारी की गई थी.क्या है फेसलेस योजना?केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पारदर्शिता बढ़ाने के साथ ही भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ‘फेसलेस’ योजना शुरू की है. इसे ‘फेसलेस’ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि करदाता यानी टैक्स पेयर को अपने कर (टैक्स) का आकलन करने वाले अधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं होती है. उक्त व्यक्ति को यह भी पता नहीं चल पाएगा कि वह अधिकारी कौन है. जाहिर है इस योजना को भ्रष्टाचार कम करने की कवायद के तहत लागू किया गया है.एनएएचएआई घूसखोरी पर भी हुआ था सीबीआई का एक्शनबता दें कि सीबीआई ने बीते दिनों इसी तरह के भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत पटना में NHAI के प्रबंधक को 15 लाख रुपये घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा था. तलाशी के दौरान इनके पास से 1.18 करोड़ रुपये कैश बरामद किये गये थे. सीबीआई ने बताया था कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के महाप्रबंधक (GM) राम प्रीत पासवान, बरुण कुमार, चेतन कुमार को मुख्य आरोपी बनाया गया. इस कार्रवाई के बाद NHAI ऑफिस में हड़कंप मच गया था.एनएचएआई रिश्वतखोरी में बड़े अफसरों को किया था अरेस्टगौरतलब है कि लगातार मिल रही शिकायतों पर सीबीआई की कार्रवाई भी जारी है. इससे पहले एनएएएआई के मामले में ही तीन वर्ष पूर्व 24 सितंबर 2022 को पटना में एनएचएआई के सीजीएम और डीजीएम को दो निजी कंपनी के कर्मचारियों के साथ रिश्वतखोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया था. उस वक्त सीबीआई की टीम ने लगभग 76 लाख रुपये नकदी और गहने बरामद किए गए थे. तबबिहार सहित कई राज्यों में राम कृपालु सिंह कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठिकानों पर सीबीआई की टीम ने रेड मारी थी.